जनपद में 3,833 एड्स प्रभावित उपचाराधीन
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जनपद में 3,833 एड्स प्रभावित उपचाराधीन
भारत में 23 लाख लोग प्रभावित, एड्स की जनपद स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला
जनपद के चार आईसीटीसी सेंटर पर एचआईवी की जांच और परामर्श की सुविधा
जौनपुर, 20 फरवरी 2023। मुख्य विकास अधिकारी सीडीओ साईं तेजा सीलम की अध्यक्षता में सीडीओ सभाकक्ष में सोमवार को हुई एचआईवी/एड्स की जनपद स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला हुई। इसमें टीबी हास्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विशाल सिंह यादव ने बताया कि पूरे विश्व में इस समय 38.2 लाख लोग एचआईवी एड्स से ग्रसित हैं। इसका 60 प्रतिशत यानी 23 लाख लोग भारत में हैं और इसमें से भी 1.8 लाख लोग उत्तर प्रदेश से हैं। उन्होंने बताया कि पहले मरीज जांच और परामर्श के लिए बीएचयू वाराणसी जाते थे। एक अप्रैल 2011 को जनपद में एआरटी सेंटर का उद्घाटन होने के बाद से जनपद में जांच और परामर्श की सुविधा मिलने लगी है। पिछले वर्ष 430 मरीज आए थे। इस समय जनपद में कुल 3,833 मरीज उपचाराधीन हैं।
उन्होंने बताया कि केराकत, मड़ियाहूं, बदलापुर और जिला पुरुष चिकित्सालय में आईसीटीसी (इंटेग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर) की सुविधा मौजूद है। यहां एचआईवी की जांच और मरीजों को परामर्श दिया जाता है। आहान, विहान सहित कई अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं एचआईवी संक्रमितों की मदद करती हैं। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति कम होने लगती है और मरीज कमजोर होने लगता है। इसलिए मरीज टीबी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। एचआईवी संक्रमितों को टीबी से बचाने के लिए एआरटी सेंटर के माध्यम से आईपीटी (आइसोनियाजिड प्रिवेंटिव थेरेपी) दवा दी जाती है। इस समय जनपद में 48 मरीज एचआईवी संक्रमित होने के साथ ही टीबी से भी प्रभावित हैं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय पांडे ने अवगत कराया कि 18 वर्ष तक के एचआईवी संक्रमित बच्चों की सूची जनपद के एड्स नियंत्रण कार्यक्रम कार्यालय से प्राप्त करने की कार्रवाई की गई है, उन्हें शासन की सुविधाओं से जोड़ते हुए लाभ प्रदान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी से संचालित लिंक वर्कर स्कीम के जिला परियोजना अधिकारी अभिषेक उपाध्याय ने बताया कि एचआईवी संक्रमितों के साथ उनके परिवार और समाज के लोग भेदभाव और लांछन लगाने जैसा व्यवहार करते हैं। ऐसे व्यवहार से उनके मानवाधिकार का हनन होता है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने एचआईवी/एड्स एक्ट 2017 बनाया है। साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए एचआईवी संक्रमितों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
इस दौरान स्वस्थ दिनचर्या, सही खानपान, दवा के सेवन के चलते स्वस्थ जीवन जी रहे एक एड्स पीड़ित ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट पाज़िटिव आने पर उनके भाई तथा परिवार वाले ही उनसे दूर होने लगे लेकिन जनपद की विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से तथा दवा का सेवन कर वह स्वस्थ हैं। साथ वह अपने अनुभवों से एचआईवी संक्रमितों का हौसला बढ़ाते हैं। उनके अनुभवों की बात सुनकर सीडीओ साईं तेजा सीलम सहित अन्य लोगों ने ताली बजा कर उनकी हौसला आफजाई की। कार्यशाला के माध्यम से एचआईवी/एड्स के बारे में समुचित जानकारी पहुंचाने, विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित एचआईवी/एड्स मुक्त प्रदेश बनाने, एचआईवी संक्रमितों के प्रति सकारात्मक व्यवहार का बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के बारे में विचार-विमर्श हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी की ओर से जनपद के विभिन्न ब्लाकों के विभागाध्यक्ष एवं बीडीओ ने भाग लिया। इसके माध्यम से जिले के पांच संवेदनशील ब्लाकों (करंजाकला, शाहगंज, केराकत, मड़ियाहूं एवं बदलापुर) का चयन कर 21 से 28 फरवरी तक ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस संबंध में सभी कार्यक्रम की रूपरेखा के अंतर्गत प्रशिक्षण के उद्देश्यों, संक्रमण की चुनौती एवं जानकारियां, एचआईवी/एड्स एक्ट 2017 नियमावली के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई। जनपदीय कार्यशाला में डॉ राजीव यादव, उपजिला क्षयरोग अधिकारी डा दिनेश कुमार सिंह, अन्य जनपदीय विभागों के विभागाध्यक्ष, एड्स परियोजना के समस्त जनपदीय घटक दल, जिला पंचायत राज अधिकारी नात्थूलाल गंगवार सहित कार्यक्रम के समस्त जनपद समन्वयक उपस्थित रहे।