October 19, 2024

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पंचायती विकास परिषद व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ली शपथ

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फाइलेरिया उन्मूलन के लिए पंचायती विकास परिषद व स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ली शपथ

मछलीशहर ब्लॉक में 10 फरवरी से चलेगा फाइलेरिया एमडीए अभियान

स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर अपने समक्ष खिलाएंगे फाइलेरिया से बचाव की दवा

जौनपुर, 12 जनवरी 2024 – राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मछलीशहर ब्लॉक के समस्त 92 ग्राम पंचायतों में 10 फरवरी से सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) अभियान चलाकर आमजन को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। इसी के मद्देनजर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। शुक्रवार को मछलीशहर विकासखंड कार्यालय परिसर में समूह संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीसीआई व डब्ल्यूएचओ के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें 85 ग्राम प्रधान, 80 पंचायती विकास परिषद (बीडीसी) एवं 90 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में प्रतिभाग किया।
इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख गोपेश यादव एवं खंड विकास अधिकारी सचिन कुमार भारती ने कार्यक्रम में मौजूद समस्त लोगों को यह शपथ दिलाई कि वह फाइलेरिया उन्मूलन के एमडीए कार्यक्रम के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा खाएंगे और दूसरे लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही समुदाय को फाइलेरिया बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक भी करेंगे।
इस दौरान पीसीआई के जिला समन्वक राहुल तिवारी एवं डब्लूएचओ के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ मंजीत चौधरी ने फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी एवं उसके लक्षण, रोकथाम एवं सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वह 10 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए राउंड के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा स्वयं खाकर अभियान का शुभारंभ करें एवं परिवार व पास पड़ोस के अन्य सदस्यों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।
डॉ मंजीत ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मछलीशहर में एमडीए अभियान 10 फरवरी से 28 फरवरी तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (दवा वितरण/स्वास्थ्य कर्मी) घर-घर जाकर लक्षित व्यक्तियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन अपने समक्ष कराएंगे। यह बीमारी किसी स्वस्थ व्यक्ति को न हो इसके लिए दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती व गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर बाकी सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। वर्ष में एक बार इस दवा का सेवन कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। पीसीआई के राहुल तिवारी ने बताया कि सभी को दवा की सही खुराक मिल सके इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी प्रत्येक व्यक्ति को दवा खिलाने से पहले उनकी उम्र का पता कर सही दवा की खुराक अपने सामने खिलाएँगे। किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं की जाएगी।
इस दौरान सहायक विकास अधिकारी पंचायत श्रीराम निहोर, पंचायत सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण प्रदीप कुमार सिंह, सहायक विकास अधिकारी सांख्यिकी लक्ष्मी शंकर यादव, बाल विकास परियोजना अधिकारी दीपक चौबे, सहायक विकास अधिकारी कृषि, पशु चिकित्सा अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, ब्लॉक मिशन मैनेजर हिमांशु त्रिपाठी एवं ब्लाक के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।
क्या है फाइलेरिया – मच्छर के काटने से होने वाली फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। मच्छर काटने के बाद इस बीमारी के लक्षण 5 से 10 वर्षों के बाद देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि शुरूआत में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। फाइलेरिया एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में मच्छर के काटने से फैलता है। इस बीमारी से हाथ, पैर, स्तन और अंडकोष में सूजन पैदा हो जाती है। सूजन के कारण फाइलेरिया प्रभावित अंग भारी हो जाता है और दिव्यांगता जैसी स्थिति बन जाती है। प्रभावित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टदायक व कठिन हो जाता है।

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