तिलकधारी महाविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के छात्रों द्वारा मनाया गया फ्रेशर्स तथा फेयरवेल पार्टी

तिलकधारी महाविद्यालय के परास्नातक (अंग्रेजी) के प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के छात्रों ने एक साथ मनाया फ्रेशर्स तथा फेयरवेल पार्टी। कोविड-19 महामारी की वजह से दोनों कार्यक्रम एक साथ किया जाना पड़ा। सर्वप्रथम द्वितीय वर्ष के छात्रों ने प्रथम वर्ष के छात्रों का सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात प्रथम वर्ष के छात्रों ने द्वितीय वर्ष के छात्रों की बिदाई समारोह में विदाई गीत, भाषण तथा कई अन्य मनमोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनके साथ कभी ना भुलाए जाने वाले स्मृतियों को साझा किया। इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ आलोक कुमार सिंह ने छात्रों को हमेशा अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लगन से अध्ययन करते रहने की सलाह दी औए कहा कि हौसले को सचमुच इतना बुलंद रखना चाहिए कि खुदा को पूछना पड़े की बन्दे की रज़ा क्या है। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ वंदना दुबे ने कहा कि नायें वर्ष में प्रवेश लिए छात्रों को अपने सीनियर्स से सीखते रहना चाहिए तथा बिदाई ले रहे छात्रों को यह विश्वास दिलाया कि भले ही वे कालेज तथा विभाग से विदाई ले रहे हैं लेकिन विभाग के सभी प्राध्यापक उन्हें हमेसा मार्गदर्शन करते रहेंगे; मैडम ने पुरातन सभी छात्रों के लिए विभाग की तरफ से एक पुरातन छात्र शेल बनाने का प्रस्ताव रखा। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ज्ञानेंद्रधर दुबे ने अपने उद्बोधन से छात्रों के अंदर ऊर्जा भर दिया और कहा कि अनुकूल परिस्थिति कभी नही आती है बल्कि विद्यमान विपरीत परिस्थिति में ही भविष्य का निर्माण करना होता है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर कनक सिंह ने विदाई ले रहे छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा उनके कॅरियर के निर्माण में हमेसा उनके साथ होना का खड़े रहने का आस्वासन दिया। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ छाया सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ईमानदारी से काम करते रहते हैं इसलिए हमेसा उन्हें उसके लिए कार्य करते रहना चाहिए। विभाग के प्राध्यापक डॉ कुँवर शेखर गुप्ता ने छात्रों से अपने खुद के विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों का उदाहरण साझा करते हुए उन्हें समझाया कि क्लास में उन्हें केवल विषय ही नहीं पढ़ाया जाता है बल्कि उनके पूरे व्यक्तित्व का निर्माण होता किया जाता है; उन्होंने विदाई ले रहे छात्रों को सलाह दी कि आगे अपने लक्ष्य की प्राप्ति तथा समाज में पहचान के लिए एक विद्यार्थी के लिए जरूरी होता है कि वो हर कार्य को नवीन तथा रचनात्मक तरीके से करे और तब तक हार न माने जब तक की उसका मन संतुष्ट होकर शांत न हो जाए।
कार्यक्रम का संचालन नेहा, सचिन, दिव्यांशी तथा अरशद अली मिलकर किया। इस अवसर पर भोला सिंह, साक्षी सिंह, मनीष गौतम,अनन्या गुप्ता, शशिकांत, कृति मौर्या, धीरज सिंह, पूजा सिंह, रामू अग्रहरि, शिखा सिंह, एवं परास्नातक प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के छात्र तथा छात्राएं उपस्थित रहें।