Jaunpur news न्यायालय के आदेश को नहीं मानती रामपुर पुलिस
न्यायालय के आदेश को नहीं मानती रामपुर पुलिस
स्थगन आदेश के बाद भी पुलिस ने कटवा दिया हरा पेड़
पीड़ित ने की शिकायत तो शांति भंग में हुआ चालान
मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र में कानून के नाम पर चल रहा है बड़ा मजाक
जौनपुर। जिले में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। मड़ियाहूं तहसील के अधिकारी से लेकर रामपुर थाने के पुलिस कर्मी इतने बेलगाम हो गए हैं कि वह अब न्यायालय के स्थगन आदेश को भी मानने को तैयार नहीं है। कानून व्यवस्था के नाम पर यह खुला मजाक ऐसे समय पर अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है जब मुख्यमंत्री खुद कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पीड़ित पक्ष के साथ हमेशा खड़े रहने जा भरोसा देते हैं।
जी हां जनपद के रामपुर थाना क्षेत्र के पचौरी गांव में ऐसा ही एक विवादित मामला पूरे पुलिस महकमा के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
इस चर्चित मामले में तहसील स्तर के एक मजिस्ट्रेट और रामपुर थाने के एक पुलिस कांस्टेबल की बातचीत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगा है।
पुलिस की दबंगई इस कदर सामने आई कि पीड़ित पक्ष
घनश्याम तिवारी पुत्र अवध नारायण तिवारी की गैर मौजूदगी में पुलिस ने विवादित जमीन से हरे पेड़ को कटवा दिया।
इतना ही नहीं पुलिस ने पीड़ित पक्ष को फोन करके रौबदार आवाज में कहने लगे कि आप तो थाने आए नहीं और चलिए पेड़ कट गया । पुलिस का यह बयान सुनते ही पीड़ित पक्ष के पैरों तले जमीन खिसक गई।
उसने कहा कि उक्त भूमि पर न्यायालय का अस्थगन आदेश है ऐसे कैसे हो सकता है तो पुलिस ने कड़क दार आवाज में गुर्रेरते उसे अर्दब में भी लिया।
यहां यह भी बताना जरूरी है इसके पहले पुलिस प्रशासन ने पीड़ित घनश्याम तिवारी पुत्र श्री अवधनारायण तिवारी को एक सप्ताह पहले एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए शांति भंग की धारा में पाबंद करते हुए चालान न्यायालय भेज दिया था।
अमूमन किसी भी मामले में अगर थाने पर प्रार्थना पत्र पड़ता है तो पुलिस त्वरित कार्रवाई करने से दूर भागती है । पूछने पर कहती है कि अभी शिकायत मिली है कार्रवाई की जाएगी ।
लेकिन इस विवादित मामले में पुलिस द्वारा विपक्षी गण के साथ मिलकर अपनी मौजूदगी में हरे पेड़ को कटवा दिया जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
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आखिर क्यों पुलिस ने दिखाई इतनी तेजी
जौनपुर।
पीड़ित घनश्याम तिवारी कहते रहे कि सर थाना, पुलिस और तहसील में मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। मेरे साथ न्याय करिए, पूरी जमीन विवादित है लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई। पुलिस कर्मी ने पीड़ित पक्ष को यह भी कहा कि पेड़ की डाल सारा हटवा लीजिए। विपक्षी का खेत खाली कर दीजिए क्योंकि बड़े साहब बहुत नाराज हो रहे हैं।
उधर पीड़ित पक्ष ने जब पेड़ काटने के संबंध में मड़ियाहूं तहसील के एक मजिस्ट्रेट अस्तर के अधिकारी को फोन लगाकर पेड़ काटने का कारण पूछा तो वह उसे बेहद नाराज हो गए।
नाराजगी इस कदर रही कि उन्होंने फोन पर ही पूछा कि तुमको मेरा फोन नंबर किसने दे दिया। कहां से हमारा नंबर पा गए जो फोन करके यक्ष प्रश्न करते हो।
मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि अगर ऐसे ही बात करोगे तो फिर हमको तुमसे दूसरे स्तर से निपटना होगा।
फिलहाल अपना अखबार सोशल मीडिया पर वायरल हुई इन बातों को पुस्ट नहीं करता।
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विवादों से गहरा नाता रहा है लेखपाल का
जौनपुर। इस पूरे मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि रामपुर थाने के उप निरीक्षक संतोष कुमार सिंह व हल्का पुलिस सुरेश यादव ने विपक्षी से मोटी रकम हासिल की है ।
हल्का लेखपाल हरिश चंद्र सरोज जो हमेशा विवादों में चर्चित रहे हैं इनकी तैनाती जहां भी रही वहां इन्होंने कानून व्यवस्था के साथ हमेशा खिलवाड़ किया है। लेखपाल की मिली भगत से ग्राम सभा पचौली में तालाब व भीटा की जमीन पर कब्जा किया है। इससे पूरा गांव व परिवार के लोग परेशान हैं।
