Jaunpur news सच्ची भक्ति दिल से करें तो भगवान हर रूप में कृपा करते हैं, डाली किन्नर
इन्द्रजीत सिंह मौर्य की रिपोर्ट
सच्ची भक्ति दिल से करें तो भगवान हर रूप में कृपा करते हैं, डाली किन्नर
समाज की एकता, समानता का संदेश देता है छठ मैया का यह व्रत
खेतासराय,जौनपुर।
किन्नर समाज की डाली की छठ भक्ति, पिछले 5 साल से
खेतासराय कस्बे के नागरिक देख रहे हैं। कस्बे की दर्जन भर महिलाओं और अपने लोगों के साथ बड़े ही श्रद्धा और विश्वास के साथ सभी मिलकर टेकुआ, ठेकुआ और खाजा जैसे पारंपरिक प्रसाद तैयार करती हैं। फिर छठ घाट की सफाई, सजावट और पूजा की सभी तैयारियों में सहयोग देती हैं।
छठ मैया के पूजन के संबंध में उनसे आज हुई बातचीत की खास रिपोर्ट।
नगर पंचायत खेतासराय की डाली किन्नर समाज की सदस्य के रूप में पिछले पांच साल से छठ व्रत विधि-विधान से कर रही हैं। उनके लिए यह पर्व मां की परंपरा और एकता, सहयोग, समानता का प्रतीक है।
छठ महापर्व की खास बात यह है कि इसे निभाने में न कोई भेदभाव होता है और न कोई सामाजिक बंधन। आस्था और विश्वास का यही रंग अब किन्नर समाज में भी गहराई से देखने को मिल रहा है।
जौनपुर जनपद के खेतासराय कस्बा में रहने वाली किन्नर समाज की सदस्य डाली पिछले पांच साल से छठ व्रत कर रही हैं।
वे पूरे विधि-विधान के साथ इस पर्व को मनाती हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने अपनी मां को बचपन से छठ व्रत करते देखा था, उसी परंपरा को अब वे अपने जीवन में आगे बढ़ा रही हैं। उनके लिए यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि मां से जुड़ी भावनाओं और श्रद्धा का प्रतीक है। आगे कहती हैं कि मैं बचपन से देखती आई हूं कि मां छठ के लिए कितनी मेहनत करती थीं, व्रत रखती थीं, घाट सजाती थीं और प्रसाद बनाती थीं। वही संस्कार मेरे मन में बस गए, इसलिए मैं भी हर साल पूरे मन से छठ करती हूं।
अब डाली अपने परिवार के साथ नहीं रहती इसलिए वह छठ महापर्व पर किन्नर समाज की अन्य सदस्य और उनकी गुरु मां को व्रत में शामिल करती हैं।
सभी मिलकर टेकुआ, ठेकुआ और खाजा जैसे पारंपरिक प्रसाद तैयार करती हैं। मिलकर छठ घाट की सफाई, सजावट और पूजा की सभी तैयारियों में सहयोग देती हैं।
वे कहती हैं कि यह पर्व उन्हें एकता, सहयोग और समानता का संदेश देता है। सनम का कहना है कि छठ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि यह एक भावना है, जो हमें यह सिखाती है कि सच्ची भक्ति दिल से की जाए तो भगवान हर रूप में कृपा करते हैं।
