Jaunpur news बिना क्रय विक्रय रसीद के शहर में बेची जा रही है दवाएं

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रिपोर्ट इन्द्रजीत सिंह मौर्य

बिना क्रय विक्रय रसीद के शहर में बेची जा रही है दवाएं,

जिला ओषधि निरीक्षक की जांच में मिली कइयों खामियां

दवाओ के स्टॉक और कंप्यूटर रजिस्टर मिलान में नहीं हुआ सत्यापन

जौनपुर। जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद के निर्देश पर
ज़िला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय ने शुक्रवार को शहर के दो प्रमुख मेडिकल स्टोर की रेंडम चेकिंग की। इस दौरान दोनों स्थानों पर काफी अनियमितता पाई गई। दुकान से बेची जा रही दवाएं और उसकी खरीद का कोई भी बिल वाउचर संबंधित प्रतिष्ठान द्वारा नहीं रखा जा रहा है। दवा के स्टॉक और कंप्यूटर में दर्ज आंकड़े का भी जांच के दौरान सत्यापन नहीं हो सका।
इस पूरे मामले को घोर लापरवाही मानते हुए संबंधित प्रतिष्ठान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
नगर कोतवाली क्षेत्र के नटराज मेडिकल एजेंसी के निरीक्षण में फर्म को 7 कार्य दिवस के भीतर खरीद रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
इसके पश्चात यथार्थ फार्मेसी प्राइवेट लिमिटेड में खुदरा काउंटर का औचक निरीक्षण किया गया। जहां पर मरीज और उसके परिवार के लिए नियमित रूप से बिक्री बिल तैयार नहीं किया जाना पाया गया।
बिक्री चालान में मरीज का विवरण दर्ज नहीं किया गया। है। कई दवाइयों का स्टॉक भौतिक और कंप्यूटर स्टॉक के अनुसार सत्यापित नहीं पाया गया है।
जिला ओषधि निरीक्षक श्री पांडेय ने बताया कि इस प्रतिष्ठान पर औषधि नियमावली 1945 के नियम 65 का उल्लंघन पाया गया । यहां से तीन नमूने एकत्र किए गए हैं। भरे गए नमूने को राजकीय प्रयोगशाला उत्तर प्रदेश लखनऊ जांच एवं प्रशिक्षण हेतु भेजा गया। निरीक्षण किए गए प्रतिष्ठानों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। फार्म संचालक द्वारा विक्रय बीजक निर्गत न करने हेतु 7-दिवस का समय देते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।

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बिक्री में छूट देने पर कार्रवाई का निर्देश
जौनपुर।
यथार्थ फार्मेसी पर 20 प्रतिशत छूट का बोर्ड लगा हुआ पाये गया। फर्म संचालक को अवगत कराया गया की छूट/रियायत की बोर्ड फार्मेसी प्रैक्टिस विनियम 2015 के अध्याय सात एव आठ के तहत अनैतीक और अवैधानीक है।
जिससे छोटे दवा दुकान संचालक में अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करता है जो राज्य और देश की आर्थिक विकास पर प्रतिकुल प्रभाव डालता है।
व इस प्रकार का आचरण जनहित के विरुद्ध है एव प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 का उल्लंघन है। सभी मेडिकल व्यवसायियों को नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है।

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