Jaunpur news विद्यालय मर्जर व प्रधानाध्यापकों के सरप्लस किए जाने से बढ़ा आक्रोश

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रिपोर्ट इन्द्रजीत सिंह मौर्य

विद्यालय मर्जर व प्रधानाध्यापकों के सरप्लस किए जाने से बढ़ा आक्रोश

प्राथमिक शिक्षक संघ ने चरणबद्ध आंदोलन का किया ऐलान

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर 8 जुलाई को विशाल धरना प्रदर्शन

6 जुलाई को ट्विटर अभियान चलाकर जनजागरण

विधायक और सांसदों को कल से सौंपा जाएगा अभिभावक की असहमति का ज्ञापन

जौनपुर ।
Jaunpur news उत्तर प्रदेश शासन द्वारा हजारों विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर बन्द किये जाने से शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अपने बच्चों का भविष्य देखते हुए गांव के अभिभावक भी शिक्षकों के आंदोलन में शामिल होने का ऐलान कर दिए। इससे जहां सरकार की कर शैली पर सवालिया निशान उठने लगे हैं।
वहीं विद्यालयों को बंद किए जाने के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
यह बातें उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने बुधवार को जौनपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने सरकार के विरोध में जिले के हजारों शिक्षकों को लेकर चार जुलाई से बड़ा आंदोलन करने का ऐलान कर दिया। कहा कि प्रदेश के हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित करने तथा हजारों विद्यालयों को बंद करने के निर्णय के विरोध में चार जुलाई से आठ जुलाई तक क्रमशः आंदोलन चलाया जाएगा
जिसमें संघ के बैनर तले शिक्षकों अभिभावकों ग्राम प्रधानों एवं रसोइयों द्वारा संबंधित विधानसभा पब्लिक लोकसभा क्षेत्र के विधायक, सांसदो समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को संबंधित विषय पर ज्ञापन सौंपा जाएगा ।
छह जुलाई को अपराह्न एक बजे से एक्स/ट्विटर पर हैशटैग अभियान चला कर जन जागरण किया जायेगा।
आठ जुलाई को सम्बंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना देकर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
शिक्षक नेता श्री शुक्ल ने बताया कि इसमें जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उ0प्र0 सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा।
आज इस आशय की सूचना संघ के द्वारा ज्ञापन के माध्यम से नगर मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन को दी गई है।

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प्रधानाध्यापक का पद सरकार ने कर दिया खत्म

जौनपुर। सरकार की दोषपूर्ण नीति के खिलाफ जौनपुर में आंदोलन का आगाज कर रहे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालय व 100से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है। इसके पूर्व भी एक ही परिसर में स्थित लगभग 20 हजार विद्यालयों को संविलिय करके प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त कर दिये गये हैं।
वर्तमान में चल रही मर्जर प्रक्रिया से जहां छात्रों से विद्यालय की दूरी अधिक होगी।
वहीं हजारों रसोइयों की सेवा समाप्त हो जायेगी।
इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सम्बंधित प्रधानाध्यापकों एवं ग्राम प्रधान/विद्यालय प्रबंधन समिति पर दबाव बना करके नौनिहालों की शिक्षा से खिलवाड़, हजारों प्रधानाध्यापकों के पद एवं रसोइयों की सेवा समाप्ति जैसे निर्दयी एवं कठोर निर्णय की कल्पना नहीं की जा सकती है।

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