Jaunpur news ध्यान-प्राणायाम से मिलता है सम्पूर्ण स्वास्थ्य

ध्यान-प्राणायाम से मिलता है सम्पूर्ण स्वास्थ्य
श्वासों की साधना है योग: अचल हरीमूर्ति
जौनपुर। “योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की विधि नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की एक संपूर्ण पद्धति है। ध्यान और प्राणायाम जैसे अभ्यासों से श्वासें लयबद्ध होती हैं और चेतना जाग्रत होती है, जिससे व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उत्तम रहता है।” यह विचार पतंजलि योग समिति उत्तर प्रदेश के सह-राज्य प्रभारी अचल हरीमूर्ति ने व्यक्त किए। वे लोहिया पार्क परिसर में चल रहे एडवांस योग प्रशिक्षण शिविर में योगाभ्यास कर रहे प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
योग प्रशिक्षकों अरविंद कुमार और सुजाता झा ने कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी, सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं के समाधान हेतु विविध योगासनों का अभ्यास कराया। इन आसनों में मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, शशकासन और उत्तान पादासन प्रमुख रहे। प्रशिक्षकों ने अभ्यास के दौरान प्रत्येक आसन से होने वाले लाभों को विस्तार से बताया।
अचल हरीमूर्ति ने बताया कि भ्रामरी और उद्गीत प्राणायाम मन को शांत करने और मानसिक तनाव, अनिद्रा, बेचैनी और अवसाद जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में अत्यंत लाभकारी हैं। वहीं, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, बाह्य और उज्जयी प्राणायामों का दीर्घकालीन अभ्यास जब विशेष आसनों के साथ किया जाता है तो उसे ‘इंटीग्रेटेड योगाभ्यास’ कहा जाता है।
उन्होंने बताया कि इस योगाभ्यास से थायराइड, पाचनतंत्र, श्वसनतंत्र, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, किडनी, लीवर और मस्तिष्क से जुड़ी अनेक बीमारियों में राहत मिलती है। योग को उन्होंने एक उच्चतम चिकित्सा और साधना पद्धति बताया और कहा कि इसका निरंतर अभ्यास संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए वरदान है।