Jaunpur news गर्मी का कहर: खेतों में दरारें, सड़कों पर सन्नाटा, जनजीवन बेहाल

गर्मी का कहर: खेतों में दरारें, सड़कों पर सन्नाटा, जनजीवन बेहाल
मछलीशहर में लू और तीव्र धूप ने बिगाड़ा जनजीवन का संतुलन, छात्र, किसान, मजदूर सभी प्रभावित
मछलीशहर जौनपुर
Jaunpur news पूर्वांचल में इन दिनों भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। मछलीशहर तहसील क्षेत्र में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, जिससे न सिर्फ इंसान, बल्कि पशु-पक्षी तक बेहाल हैं। सुबह से ही सूरज की तीखी किरणें पूरे वातावरण को झुलसा रही हैं। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है और आवश्यक कामों के अलावा सड़कें दिन में वीरान दिखाई दे रही हैं।
खेती पर असर, खेतों में दरारें:
तेज धूप और लगातार गर्म हवाओं (लू) के चलते खेतों की नमी तेजी से खत्म हो रही है। हालात यह हैं कि खेतों में दरारें पड़ गई हैं और सब्जी की फसलों को दिन में दो से तीन बार सिंचाई करनी पड़ रही है। किसान चिंतित हैं कि अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो फसलें खराब हो सकती हैं।
सड़कें सुनसान, पेड़ कटाई से बढ़ी समस्या:
मछलीशहर-जंघई हाईवे पर दोपहर का दृश्य बिल्कुल सन्नाटे भरा रहता है। एक समय था जब इस मार्ग पर हरियाली और छांव का अहसास होता था, लेकिन पिछले वर्ष सड़क चौड़ीकरण के दौरान बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई के कारण अब यह मार्ग पूरा दिन धूप में तपता है। राहगीरों को छांव तक नसीब नहीं हो पा रही है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
विद्यालयों पर असर:
भीषण गर्मी को देखते हुए कई निजी विद्यालयों ने ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया है, लेकिन परिषदीय विद्यालय अभी खुले हुए हैं। तेज धूप और गर्म हवाओं के चलते सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम दर्ज की जा रही है।
मजदूरों की हालत खस्ता:
गर्मी का सर्वाधिक असर खेतों, भवन निर्माण और सड़क निर्माण में कार्यरत श्रमिकों पर पड़ा है। खुले आसमान के नीचे काम कर रहे मजदूरों की तबीयत बिगड़ने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, लेकिन रोजगार की मजबूरी उन्हें घर बैठने नहीं दे रही।
बाजार में कूलर-पंखों की डिमांड चरम पर:
बाजारों में इन्वर्टर, कूलर, पंखों की भारी मांग देखी जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक मरम्मत की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी है। लोग अपने पुराने कूलर और पंखे ठीक कराने के लिए दुकानों का रुख कर रहे हैं। बिजली की खपत भी बढ़ गई है, जिससे अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है।
पशु-पक्षियों की भी हालत खराब:
तपती दोपहरी में पशु और पक्षी भी पानी और छांव की तलाश में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने कई स्थानों पर पानी के बर्तन और छांव की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन वह भी इस गर्मी के सामने नाकाफी साबित हो रही है।
निष्कर्ष:
इस भीषण गर्मी और लू के बीच राहत की कोई उम्मीद फिलहाल नजर नहीं आ रही है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि परिषदीय विद्यालयों में भी अविलंब ग्रीष्मावकाश घोषित किया जाए और मजदूरों के लिए कार्यस्थलों पर आवश्यक राहत व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।