September 20, 2024

जिले में दो हजार गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व जांचस्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस

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जिले में दो हजार गर्भवती की हुई प्रसव पूर्व जांच
स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस 

जौनपुर, 10 फरवरी 2022
जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया | इसके तहत करीब दो हजार गर्भवती की प्रसव पूर्व मुफ्त जाँच (एएनसी) की गई और गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली जरूरी सावधानी के बारे में बताया गया | अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह ने सभी ब्लाक  पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी। आशा कार्यकर्ताओं ने गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्रों तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
सीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस हर महीने की नौ तारीख को मनाया जाता है। अभियान के दौरान चिकित्सक सभी ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों पर गर्भवती के स्वास्थ्य की जांच करते हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सलाह भी देते हैं। इस दौरान उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को भी चिह्नित किया जाता है, जिससे उनके सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था कराई जा सके। 
    जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी ने बताया कि अभियान के तहत जिले के 21 ब्लाक , जिला अस्पताल तथा शहर के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान करीब दो हजार गर्भवती  की जांच हुई, जिसमें लगभग 90 एचआरपी की श्रेणी में  चिन्हित की गईं।
इस अभियान का उद्देश्य गर्भवती की प्रसव पूर्व विधिवत जांच मेडिकल आफिसर की निगरानी में हो सके। जांच के दौरान विशेषकर लक्षित  महिलाओं (द्वितीय और तृतीय त्रैमास वाली गर्भवती) को प्राथमिकता दी जाती है। द्वितीय और तृतीय त्रैमास में गर्भवती को प्रसव पूर्व तथा स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का ज्यादा सामना करना पड़ता है। इसके चलते ही इनकी जांच मेडिकल आफिसर (एमबीबीएस या प्रसूति रोग विशेषज्ञ) द्वारा की जाती है। इस दौरान गर्भवती के ब्लड ग्रुप, हीमोग्लोबिन, यूरिन, शुगर, सिफलिस, एचआईवी आदि की जांच की जाती है। जांच के दौरान ही उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं चिन्हित की जाती हैं और उनके सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था कराई जाती है। इसके लिए उन्हें प्रसव के दौरान उच्च चिकित्सा इकाइयों में रेफर भी किया जाता है। उच्च जोखिम वाली महिलाओं को गंभीर रक्त अल्पता, उच्च रक्तचाप, कम वजन, डायबिटीज, एचआईवी पाजिटिव तथा 35 साल से अधिक की उम्र में गर्भधारण आदि श्रेणियों में पहचान की जाती है।

रामनगर ब्लाक अंतर्गत सरौना गांव की अर्चना (32) दूसरी बार गर्भवती हुई हैं। उन्होंने सीएचसी रामनगर में बुधवार को सारी जांचें कराईं। उन्होंने बताया कि उन्हें आशा कार्यकर्ता और नर्स का पूरा सहयोग मिलता है।
-रामपुर ब्लाक अंतर्गत सेमुही गांव की पूनम (28) दूसरी बार गर्भवती हुईं हैं और उनका नौवां महीना चल रहा है। उनका कहना है कि पहली बार जब वह गर्भवती हुईं थी तो उन्हें पोषण के लिए तीन किस्तों में 5,000 रुपये मिले थे। इस बार उन्हें जांच करवाने में वहां की आशा कार्यकर्ता कुसुम मौर्या ने सहयोग किया।

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