December 22, 2024

कानून विदों ने पुरुष आयोग व कानून में परिवर्तन की किया मांग

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कानून विदों ने पुरुष आयोग व कानून में परिवर्तन की किया मांग

जौनपुर -हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
अतुल सुसाइड केस में पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।सभी लोग महिला कानून के दुरुपयोग की बात कह रहे हैं। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर टिप्पणी कर दिया है।इस संबंध में जागरण ने कुछ अधिवक्ताओं से वार्ता किया।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने कहा कि अतुल की आत्महत्या कोर्ट में वसूली व भ्रष्टाचार का उदाहरण है।यह न्यायिक व्यवस्था को चुनौती है। 40 बार दौड़-दौड़ कर कोर्ट में आना, करोड़ों रुपए की मांग होना प्रताड़ना ही है। आंकड़ों के अनुसार सवा लाख पुरुष प्रतिवर्ष आत्महत्या कर रहे हैं।संविधान में समानता का अधिकार दिया है तो महिला आयोग की तरह पुरुष आयोग भी बनना चाहिए। इसके अलावा जिस प्रकार महिला हेल्प डेस्क, हेल्पलाइन है उसी प्रकार पुरुष हेल्पलाइन पुरुष डेस्क भी होना चाहिए।

देश की जानी मानी अधिवक्ता आभा सिंह का कहना है कि जिस प्रकार निर्भया कांड के बाद कानून में परिवर्तन होकर कठोर दंड का प्रावधान हुआ। इस प्रकार अतुल सुसाइड केस भी एक बड़ा परिवर्तन लाएगा। कानून में परिवर्तन होना आवश्यक है।40 बार कोर्ट में बुलाया जाना ,दहेज उत्पीड़न के साथ 302 व अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा कर कानून का दुरुपयोग, पुलिस का भ्रष्टाचार, बच्चों की दुर्दशा यह सब कहां तक जायज है ।कानून के दुरुपयोग पर रोक लगनी चाहिए एवं पुरुषों के लिए भी कानून बनना चाहिए ।

दीवानी न्यायालय की उपमंत्री मंजीत कौर एडवोकेट ने कहा कि महिलाएं अपने अधिकार व कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। कोर्ट में आने वाली कुछ ही महिलाएं वास्तविक रूप से पीड़ित,परेशान और प्रताड़ित होती हैं। अधिकांश महिलाएं अपने इगो की संतुष्टि के लिए महिला कानून को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने और उसका दुरुपयोग करने के लिए आती हैं। कानून में परिवर्तन होना आवश्यक है । पुरुषों की प्रताड़ना के संबंध में कोई कानून नहीं है।अतुल की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

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