November 21, 2024

इतिहास समेटा हुआ है गोपीपुर की रामलीला

Share

इतिहास समेटा हुआ है गोपीपुर की रामलीला

जौनपुर,सिरकोनी विकासखंड के गोपीपुर गांव की ऐतिहासिक बुढ़वा बाबा रामलीला 177 साल पुरानी रामलीला है इस ऐतिहासिक रामलीला का समस्त किरदार गांव के लोग ही निभाते हैं जो लोग बाहर महानगरों में नौकरी करते हैं चाहे सरकारी या प्राइवेट वे सभी रामलीला के किरदार अदा करने के लिए समय पर उपस्थित हो जाते हैं रामलीला समिति के अध्यक्ष प्रधान आरती अखिलेंद्र सिंह, प्रबंधक संतोष सिंह दादा व उप प्रबंधक अमित सिंह जुगनू ने बताया कि सन् 1844 में गांव में भारी सूखा पड़ा लोग खेती को लेकर बहुत चिंतित थे उसी गांव के दक्षिण दिशा में हनुमान जी के कड़ी पर एक महात्मा रघुनाथ दास उर्फ बुढ़वा बाबा के पास गांव के लोग गए उन्होंने कहा कि आप सभी लोग यदि राम जी के चरित्र की लीला करें तो संभव है कि वर्षा होगी महात्मा की बात को लोगों ने मानकर रामलीला करने का निश्चय किया धूमधाम से लोगों ने दशमी मनाई फिर क्या था दूसरे दिन एक छोटा सा बादल ऐसा बरसा कि सारा इलाका जलमग्न हो गया तभी से लोग रामलीला का आयोजन करते चले आ रहे हैं पहले यह रामलीला कई स्थानों पर बगीचे बगीचे में होती थी जो 83 वर्षों तक चली 1927 ईस्वी में अस्थाई मंच पर रामलीला शुरू हुई जो आज तक चली आ रही है ।हनुमान का अभिनय करने वाले लखनऊ रेलवे में स्पेक्टर पद पर तैनात विरजु सिंह व अंगद का सी.रा.पी.फ.में तैनात पंकज सिंह रामलीला के समय विभाग से छुट्टी लेकर गावं में चले आते हैं और रामलीला में मंचन करते हैं। इससे गांव में आपसी भाईचारा सुख शांति बनी हुई है रामलीला में मंच संचालन जय प्रकाश सिंह 33 वर्षों से कर रहे हैं इसके संरक्षक रविंद्र बहादुर सिंह पप्पू,चेत नारायण सिंह,भोले सिंह, छोटेलाल सिंह मास्टर, जयनाथ सिंह, हीरालाल गुप्ता,पूर्व प्रधान मनोज सिंह, फौजदार सिंह,शिव शंकर सिंह बचानू, सतपाल सत्तू, विपिन सिंह,मिथलेश सिंह व बच्चा सिंह हैं। रामलीला के डॉयरेक्टर मनोज सिंह पप्पू महाजन व उप डायरेक्टर सूर्यभान सिंह ने बताया कि का इस वर्ष रामलीला का मंचन 15 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन मंगलवार को शुरू होगा और 21 अक्टूबर को विजयदशमी मनाया जाएगा।

About Author