वैज्ञानिक शोध के साथ-साथ तकनीकी दक्षता भी जरूरी:मिर्जा मुदस्सिर
वैज्ञानिक शोध के साथ-साथ तकनीकी दक्षता भी जरूरी:मिर्जा मुदस्सिर
पीयू में “नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग” पर वेबिनार का आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के तत्वावधान में “नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग एनजीएस” पर एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सऊदी अरब के रियाद स्थित नाइफ अरब यूनिवर्सिटी ऑफ सिक्योरिटी साइंसेज के जूनियर फोरेंसिक वैज्ञानिक मिर्जा मुदस्सिर हुसैन ने “नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग” के प्रकारों और इसके स्वास्थ्य सेवा, फोरेंसिक विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ तकनीकी दक्षता भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतिभागियों को एनजीएस की नवीनतम तकनीकों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को यह सलाह दी कि वे कुछ तकनीकी कौशल भी अवश्य सीखें, जैसे कोडिंग भाषाएं, डेटा प्रबंधन और विश्लेषण के तरीके, जो कि इस क्षेत्र में सफल होने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वेबिनार के संयोजक एवं सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार ने की व मिर्ज़ा मुदस्सिर हुसैन का आभार भी प्रकट किया । वेबिनार के संचालन की जिम्मेदारी रुद्रांश चतुर्वेदी ने निभाई, जिन्होंने अपनी सशक्त एंकरिंग से पूरे कार्यक्रम को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न किया। यह वेबिनार छात्रों और शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ, जिसमें उन्होंने NGS तकनीक के विभिन्न पहलुओं को समझने के साथ ही अपने करियर के लिए नए विचार और दृष्टिकोण प्राप्त किए। तकनीकी कौशल के महत्व पर जोर देते हुए, मिस्टर