टीबी मुक्त घोषित 26 ग्राम पंचायतों के प्रधान सम्मानित

टीबी मुक्त घोषित 26 ग्राम पंचायतों के प्रधान सम्मानित
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव ने महात्मा गांधी की कांस्य की मूर्ति तथा प्रशस्ति पत्र देकर बढ़ाया उत्साह
कलक्ट्रेट सभागार में आयोजन, जिलाधिकारी ने भविष्य में और अच्छे परिणाम आने की उम्मीद जताई
जौनपुर। कलक्ट्रेट सभागार में बुधवार को वर्ष 2023 में टीबी मुक्त घोषित 26 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव के हाथों सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कांस्य की मूर्ति तथा प्रशस्ति पत्र देकर उनका उत्साह बढ़ाया गया। उन्होंने टीबी के खात्मे के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही टीबी के लक्षण वाले लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श और दवा लेकर इलाज कराने की सलाह दी। राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग तथा प्रधानों की भूमिका की सराहना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने टीबी उन्मूलन अभियान में और अच्छे परिणाम पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा प्रधानों से और अधिक प्रयास करने की सलाह दी। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों के प्रधानों से अनुरोध किया कि वह स्वास्थ्य विभाग तथा ग्राम पंचायतों के आपसी समन्वय से शासन की ओर से निर्धारित पैरामीटर पर कार्य करते हुए अपनी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के लिये प्रयास करें।
सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह तथा जिला क्षयरोग अधिकारी अधिकारी (डीटीओ) डॉ राकेश सिंह ने बताया कि जनपद के कुल आठ ब्लाकों के अंतर्गत जिसमें रामपुर, सुजानगंज, जलालपुर, बरसठी, मुंगरा बादशाहपुर, महाराजगंज, बख्शा और सिरकोनी में 26 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई हैं। रामपुर ब्लाक से कुल तीन ग्राम पंचायतें पटेला, सपही, आकोपुर हैं। सुजानगंज से वर्ज़ीकला, बेलवार, शेष नगर। जलालपुर से आशापुर, बिंदे, छतारी, कोहणी, कोरी, मझगवां खुर्द, मरही, नहर पट्टी रेहरी, तुसौरी हैं। बरसठी से मंगारी, राघोपुर बरेठी। मुंगरा बादशाहपुर से सतहरिया, उचौरा हैं। महाराजगंज ब्लाक से पूरा लाल, रामनगर, डालूपुर हैं। बख्शा ब्लाक से नारायणपुर। सिरकोनी से हुसेपुर ग्राम पंचायत को 2023 में टीबी मुक्त घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन 26 ग्राम पंचायतों की 44,645 जनसंख्या में से 2023 में 20 टीबी रोगी मिले थे। इनका उपचार कर उन्हें टीबी मुक्त घोषित किया गया है। वर्ष 2024 के लिए 1,734 ग्राम पंचायतों में राज्य सरकार से प्राप्त पैरामीटर के आधार पर उन्हें टीबी मुक्त बनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके तहत टीबी नोटीफिकेशन दर के आधार पर सितम्बर तक 814 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित करने के लिए चिह्नित की गई हैं। इनके सत्यापन का कार्य आगामी महीनों में होगा।
उन्होंने बताया कि टीबी जीवाणु से होने वाली बीमारी है जिसका नाम माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस है। यह बीमारी ज्यादातर फेफड़ों को प्रभावित करती है। हालांकि टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। फेफड़ों का टीबी संक्रामक होता है। यह हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। इसलिए यदि कोई टीबी प्रभावित के संपर्क में आये तो टीबी प्रभावित के साथ-साथ उसे भी मास्क का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने टीबी के लक्षण बताते हुए कहा कि यदि किसी को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आए, खांसी के साथ बलगम हो, भूख न लगना, वजन कम होना, रात में पसीना आना, सीने में दर्द होने पर टीबी होने की संभावना रहती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करायें। ऐसी स्थिति में टीबी रोगियों को तथा उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को भी मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे टीबी के संक्रमण से बचा जा सकता है।
ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए शासन स्तर से जारी कुल 06 पैरामीटर: क्षय उन्मूलन अभियान के जिला कार्यक्रम समन्वयक सलिल यादव ने बताया कि इसके लिए शासन स्तर से कुल छह पैरामीटर निर्धारित हैं –
1-ग्राम पंचायत में एक हजार की जनसंख्या पर न्यूनतम 30 संभावित व्यक्तियों की जांच किया जाना
2- एक हजार की आबादी में 30 जांचों पर अधिकतम शून्य या एक रोगी का पाया जाना
3- संबंधित रोगी का यूडीएसटी (यूनिवर्सल ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट) टेस्ट किया जाना
4- मरीज को निक्षय पोषण योजना का शत-प्रतिशत लाभ दिया जाना
5- उपचार की सफलता दर 85 प्रतिशत से अधिक होना
6- टीबी रोगियों को गोद लेते हुए पौष्टिक सामाग्री प्रदान किया जाना
कार्यक्रम में नगर पालिका की चेयरमैन मनोरमा मौर्या, सीडीओ सांई तेजा सीलम, जिला सूचना अधिकारी मनोकामना राय, डीपीआरओ नत्थूलाल गंगवार सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।