यूपी पुलिस: जातिवाद पर भी भारी पड़ रहा है सुविधा शुल्क
यूपी पुलिस: जातिवाद पर भी भारी पड़ रहा है सुविधा शुल्क
—— पुलिस की पड़ताल——
-पुलिसिया कारनामे की बानगी जौनपुर जनपद की है लेकिन कमोबेश यही स्थिति प्रदेश के अधिकतर जनपदों में आम जनता द्वारा देखी, सुनी और झेली जा रही हैl
-जौनपुर के लगभग हर थाने, कोतवाली में पुलिसिया तांडव से आमजन है पीड़ित पर सुविधा शुल्क देने वाले अपराधी होने के बावजूद बच निकलते हैं, दलाली करते हैं फर्जी पत्रकार l
-कैलाश सिंह-
लखनऊ/जौनपुर, (तहलका विशेष)l प्रख्यात कवि रहे ‘चकाचक बनारसी’ की एक कविता वाराणसी समेत पूर्वांचल में 90 के दशक में काफी मशहूर रही- ‘चकला चलावे के होखे त पुलिसन के साट ला, जुआ खेलावे के होखे त पुलिसन के साट लाl येही बदे एनहन क रतिये में गश्त हौ, पटक के मारा जे कहे 15 अगस्त हौ ll’ इन पंक्तित्यों का अर्थ जिस तरह शब्दों से ही परिलक्षित हो रहा है उसी तरह पुलिस महकमे में नीचे से ऊपर तक के नौकरशाहों में गिने- चुने ही शैलेंद्र सिंह, अमिताभ ठाकुर जैसे अफ़सर प्रदेश भर में मिलेंगे, बाकी में ब्रिटिश शासन का डीएनए आज भी कुलांचे मार रहा है l
बगैर जीएसटी के अवैध वसूली की बिंदास आदत 2017 से पूर्ववर्ती सरकारों में ही पड़ गई थीl भाजपा की योगी आदित्यनाथ की सरकार में अवैध वसूली का तरीका बदलने के साथ रकम दोगुनी हो गई है l पूर्व में नीचे के अफ़सर क्रमशः अपने से बड़े का नाम लेते थे जो सत्ता के गलियारे तक पहुंचाने की बात किया करते थे l सात साल से योगी के सीएम रहने के कारण राजनीतिक गलियारा तो छूट गया लेकिन बड़े नौकरशाहों तक यह लिफ्ट सोलर पॉवर सरीखे संचालित है l कहाँ, कैसे, क्या किस तरह होता रहा है, इसके विवरण दो माह पूर्व के एपिशोड में दिये जा चुके हैं, अब ताजी घटनाओं की बानगी देखिएl
जौनपुर के बरसठी थाना क्षेत्र के एक गाँव में ब्राह्मण परिवार में पारिवारिक विवाद में चली कुल्हाड़ी से जिस व्यक्ति की जान गई वह मुंबई सड़क परिवहन में बस चालक थे l वह पितृ पूजन में गाँव आये थे l घटना 26 सितम्बर की है l उनकी विधवा दो नाबालिक बेटी, बेटा के साथ जौनपुर आई तो उसके भाई ने यूथ कांग्रेस अध्यक्ष एवं अधिवक्ता संदीप सोनकर को फोन कर अपनी बहन को एसपी से मिलाने को मदद मांगी थी l
अपने दोनों बच्चों के साथ आई विधवा को लेकर 27 सितम्बर की शाम संदीप एसपी आवास पहुंचेl मुलाकात में एसपी ने त्वरित निदान किया l लेकिन आवास परिसर में दो यमदूत, शहर कोतवाल और एस एच ओ लाईन बाज़ार ने उस महिला द्वारा एसपी के आदेश के तहत पुलिस सुरक्षा की मांगी गई तो कोतवाल हमजातीय महिला को पुलिसिया भाषा में गाली देने लगा, इसी का विरोध करने पर संदीप सोनकर को भारी पड़ गया l कोतवाल के इशारे पर लाईन बाज़ार का थानेदार उन्हें रात 8 बजे से 11.45 बजे तक अपनी हिरासत में रखा l पहले तो वसूली के चक्कर में था लेकिन जब समझा कि ये युवक नेता के साथ वकील भी है तब वह संदीप सोनकर की पहुँच की ऊंचाई नापने लगा l आखिरकार जिले के एक हमजातीय फर्जी पत्रकार जो प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक और नेताओं से दलाली वाला व्यवसायी भी बताया जाता है, उसके फोन पर पुलिस ने रात 11.45 बजे छोड़ा l यह कथित पत्रकार नेता बनने की शौक रखने वालों का बाल भी मुड़ता है, लेकिन ब्राहमण संगठन का अघोषित ठेकेदार हैl हर गलत काम में इसका हाथ शर्तिया होता है l यह थानों की दलाली के साथ तबादला एक्सप्रेस संचालित करके भी कमाई करता है l
इसी तरह दूसरी घटना खेतासराय थाने में बीती तीन जुलाई की हैl यहां तीन महीने के प्रयास के बाद पुलिस ने साइबर ठगी व ब्लैकमेलिंग की शिकार पीड़िता की एफआईआर तब दर्ज की जब शाहगंज के पुलिस उपाधीक्षक ने हस्तक्षेप किया, लेकिन चार्जशीट अभी तक कोर्ट में नहीं भेजी गई l इसमें पीड़िता, आरोपी और थानेदार सभी जातीय नजरिये से राजपूत हैं l
पीड़िता के पिता द्वारा पूछने पर थानेदार का जवाब होता है कि किसी भी केस की चार्जशीट दाखिल करने की मियाद तीन महीने होती है तो तीन अक्टूबर तक इंतज़ार करना होगा l पीड़िता के मुताबिक थाने की पुलिस साइबर ठग से मिली हुई है, इस बात का खुलासा उसके द्वारा दी जाने वाली धमकी से हुआ l वह कहता है कि नीचे से उपर तक पुलिस मेरी सुनती है क्योंकि हम मोटी रकम जो हर महीने देते हैंl,,,,,, क्रमशः