तारापुर में अयोजित हुआ जलसा सीरतुन्नबी मदहे सहाबा
मुसलमान को चाहिए कि वो सुलह से रहें- मौलाना वसीम
तारापुर में अयोजित हुआ जलसा सीरतुन्नबी मदहे सहाबा
जौनपुर। नगर के तारापुर मोहल्ले में शुक्रवार की रात जलसा सीरतुन्नबी मदहे साहब का आयोजन किया गया। इस आयोजन में नबी की सीरत के बारे में ओलेमाओं ने बताया। नबी के जीवन और उनके सिद्धान्तों के बारे में लोगों को जानकारी दी। साथ ही नाते नबी का भी आयोजन किया गया।
जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने कहा कि जो शख्स किसी को माफ करना नहीं जानता वो मुसलमान नहीं हो सकता। भले ही आप पर कितने भी ज़ुल्म हुए हों लेकिन, अगर मौका मिले तो विरोधी को माफ कर देना चाहिए। हर हाल में लोगों से सुलह करके रहना चाहिए। आप भले ही अपने हक़ पर हों लेकिन अगर सुलह से बात बन सकती है तो कर लेनी चाहिए। हाफ़िज़ एनामुल हक़ हलीमी ने कहा कि जो लगी नबी से मोहब्बत करते हैं, उनके बताए रास्ते पर चलते हैं, उन्हें हर हाल में कामयाबी मिलती है। नबी की सुन्नतों पर चलने वाला दीन और दुनिया में हमेशा कामयाब रहता है। अल्लाह ऐसे बंदों को बेहद पसंद करता है। हमें नबी की सुन्नतों पर अमल करना चाहिए। मौलाना साजिद कासिमी ने कहा कि हमें नमाज़ की पाबंदी करनी चाहिए। जिस भी हाल में हों नमाज़ नहीं छोड़नी चाहिए। ये दीन की बुनियाद है। नमाज़ छोड़ने वाले को अल्लाह माफ नहीं करता। अज़ान शुरू हो जाये तो सारे काम छोड़ कर नमाज़ के लिए जाना चाहिए। अहसन खैराबादी ने नाते नबी पेश कर समां बांध दी। लोग उनकी नात सुनकर नारे तकबीर करते रहे। देर रात तक जलसा सीरतुन्नबी चलता रहा। यामीन जौनपुरी ने जलसे का संचालन किया। डॉ अख़लाक़ की तरफ से प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान लियाक़त अली, शफीक अंसारी, मुनव्वर अंसारी, शफीक खां, इक़बाल, इमरान, नौशाद, सैजू आदि उपस्थित रहे।