शिक्षा, संस्कृति व मानवता की रक्षा के लिए एआईडीएसओ ने “छात्र कैम्प” आयोजित किया

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शिक्षा, संस्कृति व मानवता की रक्षा के लिए एआईडीएसओ ने “छात्र कैम्प” आयोजित किया

बदलापुर जौनपुर
ऑल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) के द्वारा 30 जून को श्री रामचंद्र जूनियर हाईस्कूल खजुरन बदलापुर के प्रांगण में एक दिवसीय छात्र कैम्प का आयोजन किया गया। इस छात्र कैम्प में जौनपुर, प्रतापगढ़ व सुल्तानपुर के सैकड़ों छात्र – छात्राओं ने हिस्सा लिया। छात्र कैम्प में गीत संगीत, नाटक, ड्राईंग पेंटिंग, विज्ञान शो, खेलकूद, चर्चा परिचर्चा आदि कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में तेजी से बढ़ते अश्लीलता, नशाखोरी, अपसंस्कृति, अपराध, अशिक्षा, अंधविश्वास, अवैज्ञानिक चिंतन, स्वार्थपरता, सामाजिक कुरीतियों, मोबाइल गेमिंग के दुष्प्रभाव व अन्य समस्याओं के प्रति जागरूक किया गया और शिक्षा, संस्कृति व मानवता पर बढ़ते हमलों को रोकने के लिए छात्र आंदोलन तेज करने के लिए आह्वान किया गया।
कार्यक्रम में मौजूद एआईडीएसओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सचिन जैन ने कहा कि, शिक्षा का काम केवल तथ्यों को याद करना, डिग्रियां लेना या किसी उपकरण को चलाने की दक्षता हासिल करना नहीं है – यह मानव चरित्र निर्माण, छात्रों में तार्किक सोच व सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना पैदा करने की एक समग्र प्रक्रिया है। एक सही शिक्षा व संस्कृति के जरिए ही छात्र अपने प्रतिभाओं को निखार कर एक अच्छा इंसान बनकर देश व समाज के लिए योगदान कर सकता है। देश के नवजागरण काल व सामाजिक- सांस्कृतिक आंदोलन के महान मनीषियों जैसे ईश्वरचंद्र विद्यासागर, शरतचंद्र, ज्योतिबा राव फूले, सावित्री बाई, मुंशी प्रेमचन्द आदि ने हमेशा वैज्ञानिक, धर्मनिरपेक्ष, जनवादी और सार्वभौमिक शिक्षा का सपना देखा था। लेकिन आजादी के बाद से ही इस मांग को लेकर न तो केंद्र और न ही किसी राज्य सरकार ने ध्यान दिया बल्कि इसके विपरित शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, सांप्रदायीकरण और केंद्रीयकरण की नीति को बढ़ाने का ही काम किया। आज शिक्षा की मर्मवस्तु चरित्र निर्माण को ही पूरी तरह से नष्ट किया जा रहा है। देशभर में सरकारी शिक्षा व्यवस्था आज गहरे संकट में है, जो अत्यंत चिंताजनक है। सरकार ने गैर-जनवादी प्रक्रिया अपनाते हुए नई शिक्षा नीति-2020 को लागू कर पहले से बदहाल शिक्षा व्यवस्था के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम किया है।
एआईडीएसओ के राज्य सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि, हमारे स्कूल-कॉलेज की मुख्य समस्याएं हैं- शैक्षणिक संस्थानों में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, अपर्याप्त बजट और नए सरकारी स्कूल-कॉलेजों का न खुलना, फीसवृद्धि, शिक्षकों की कमी, इन सबसे भी अधिक शिक्षा का छात्रों के नैतिक स्तर को ऊँचा न उठा पाना। लेकिन इन सब समस्याओं के समाधान के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। स्कूल कॉम्प्लेक्स, क्लोजर व मर्जर, युग्मन योजना, सी एम राइज स्कूल, पी एम श्री स्कूल आदि नामों पर सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है। निजीकरण कर शिक्षा को अत्यधिक महँगा बनाया जा रहा है। आज निम्न-आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना लगभग असंभव है। आज देशभर में स्थाई शिक्षकों के 11 लाख पद खाली पड़े हैं, जिसके लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है।
एक के बाद एक हो रही परीक्षाओं में पर्चा लीक होना लगातार जारी है। NEET (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) में हुए महाघोटाले ने तो पूरी शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर दी है। फिर भी सरकार छात्र हित में कोई एक्शन नहीं ले रही है। इसलिए शिक्षा, संस्कृति व मानवता की रक्षा के लिए विद्यार्थियों व शिक्षा प्रेमी लोगों को आगे आकर संघर्ष करना होगा।
इस अवसर पर प्रवीण विश्वकर्मा, संतोष प्रजापति, अंजली सरोज, पूनम प्रजापति, विजय प्रकाश, तृप्ति राव, चंदा सरोज, अनीता निषाद, विकास मौर्य, रिया तिवारी, आलिया, अभिषेक, रविकुमार, देवव्रत, वन्दना, श्वेता, प्राची,युवराज, कुलदीप, आनंद आदि छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

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