Jaunpur news शीराज-ए-हिन्द का ऐतिहासिक चेहलुम शांति और गमगीन माहौल में सम्पन्न

शीराज-ए-हिन्द का ऐतिहासिक चेहलुम शांति और गमगीन माहौल में सम्पन्न
जौनपुर। शीराज-ए-हिन्द जौनपुर का ऐतिहासिक चेहलुम गुरुवार को गमगीन माहौल में शांति पूर्वक सम्पन्न हुआ। इमामबारगाह शेख मुहम्मद इस्लाम से उठे जुलूस ने देर रात सदर इमामबारगाह पहुंचकर ‘हाय हुसैन’ और ‘अलविदा’ की सदाओं के बीच सभी ताजियों एवं तुर्बत को सुपुर्द-ए-खाक किया।
कार्यक्रम की शुरुआत बुधवार 13 अगस्त की रात 8 बजे इमाम चौक पर ताजिया रखने से हुई। इसके बाद शब्बेदारी हेतु मजलिस आयोजित हुई, जिसके बाद नगर एवं बाहरी अंजुमनों ने रातभर नौहा व मातम किया। सुबह 5 बजे मजलिस के उपरांत अंजुमन गुलशन-ए-इस्लाम ने आग में दहकती जंजीरों का मातम किया। इस दिन के कार्यक्रम का संचालन सै. अकबर हुसैन जैदी एडवोकेट ने किया।
दूसरे दिन गुरुवार 14 अगस्त को दोपहर 1 बजे मजलिस आयोजित हुई, जिसमें मौलाना सैय्यद नदीम जैदी फैजाबादी ने संबोधित किया। मजलिस समाप्ति के बाद इमामबारगाह से ऐतिहासिक तुर्बत निकाली गई, जो ताजियों के साथ पानदरीबा रोड, हमाम दरवाजा, काजी की गली, पुरानी बाजार होते हुए सदर इमामबारगाह पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम का संचालन सैय्यद कबीर जैदी ने किया।
विशेष बात यह है कि यह चेहलुम पूरे देश में होने वाले चेहलुम से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। इसकी शुरुआत के पीछे एक ऐतिहासिक प्रसंग जुड़ा है—इमामबारगाह के संस्थापक शेख मुहम्मद इस्लाम मरहूम को एक मामले में अन्यायपूर्ण ढंग से जेल भेजा गया था। उनके 9 मोहर्रम के ताजिए को उठाने की खबर जेल से रिहाई पर दी गई, लेकिन रिहाई 18 सफर को हुई। रातभर मजलिस व मातम के बाद 19 सफर को ताजिया उठाकर काजी की गली से होते हुए सदर इमामबारगाह में दफन किया गया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। वर्तमान में इसका प्रबंधन मीर मुजफ्फर हुसैन जैदी का खानदान करता है।
चेहलुम के सफल व शांतिपूर्ण आयोजन पर सै. जाफर हसन जैदी करबलाई (मुतवल्ली), सै. कबीर जैदी, सै. जमीर जैदी, सै. अकबर हुसैन जैदी एडवोकेट, शाहिद जैदी, मीसम जैदी, अबुतालिब जैदी, शमीम जैदी, मिंटू कायम, बहादुर रिज़वी, शानदार जैदी, सोनू जेडी, रूमी जेडी, राशिद जैदी, मास्टर अलमदार जैदी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंत में कार्यकारी मुतवल्ली सै. लाडले हसन जैदी ने प्रशासन के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।