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डॉक्टरों की लापरवाही से गई नवजात की जान: रामपुर सीएचसी में नहीं मिला समय पर इलाज, सड़क पर हुआ प्रसव

जौनपुर (रामपुर), 1 अगस्त 2025
रामपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की कथित लापरवाही एक नवजात की मौत का कारण बन गई। मामला ग्राम कोटिगांव, गैयापुर, रामपुर निवासी चंदा बनवासी पत्नी मुकेश बनवासी से जुड़ा है, जो बीते चार दिनों से डिलीवरी के लिए स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगा रही थी।

परिजनों का आरोप है कि जब वे महिला को प्रसव पीड़ा के चलते कई बार सीएचसी ले गए, तब न तो उसे भर्ती किया गया और न ही कोई उपचार मिला। डॉक्टरों और स्टाफ ने कथित रूप से यह कहते हुए भगा दिया कि “यहाँ कोई सुविधा नहीं है, प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराओ।”

परिवार के अनुसार, 31 जुलाई 2025 को जब वे महिला को पुनः सीएचसी लेकर पहुँचे, तो वहां मौजूद नर्स मंजू देवी ने डांटकर भगा दिया। मजबूरी में परिजन महिला को ठेले पर लादकर बाहर ले गए। लेकिन अस्पताल से कुछ ही दूरी पर स्थित न्यू कैरियर स्कूल के पास सड़क पर ही महिला का प्रसव हो गया। दुर्भाग्यवश, सड़क पर जन्म लेने के कारण नवजात की मौत हो गई।

घटना के समय महिला दर्द से तड़प रही थी, लेकिन किसी स्वास्थ्यकर्मी ने मदद नहीं की। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि यदि समय पर इलाज और भर्ती मिली होती, तो नवजात की जान बचाई जा सकती थी।

बनवासी परिवार का यह भी कहना है कि सीएचसी में आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने के बजाय उन्हें प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है। आशा कार्यकर्ता और नर्सें अक्सर सहयोग के बजाय उपेक्षा का रवैया अपनाती हैं।

इस दर्दनाक घटना ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है। एक ओर सरकार गरीबों और वंचितों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और सशक्त बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये से आम जनजीवन संकट में पड़ रहा है।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर क्या कार्रवाई करता है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।


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