Jaunpur news बरसात में जानलेवा साबित हो सकते हैं जर्जर भवन: प्रशासन से तत्पर कार्रवाई की मांग

बरसात में जानलेवा साबित हो सकते हैं जर्जर भवन: प्रशासन से तत्पर कार्रवाई की मांग
जौनपुर में खतरे बने खंडहरनुमा मकान, अनहोनी से बचाव के लिए जरूरी है तत्काल कदम
जौनपुर।
बरसात के मौसम ने एक बार फिर जिले में मौजूद जर्जर भवनों की गंभीर स्थिति को सामने ला दिया है। नगर क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक कई ऐसी पुरानी और कमजोर इमारतें हैं जो अब ‘मौत के फंदे’ में तब्दील हो चुकी हैं। लगातार हो रही बारिश इन भवनों को और भी अधिक खतरनाक बना रही है, जिससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दौरान कमजोर दीवारें और छतें ढहने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। ऐसे में जौनपुर जैसे घनी आबादी वाले जनपद में विशेष सतर्कता बरतना अत्यंत आवश्यक है। यदि समय रहते इन जर्जर भवनों की पहचान कर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो जनहानि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
प्रशासन से अपील: करें त्वरित सर्वे और कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन और नगर निकायों से अपेक्षा की जा रही है कि वे त्वरित रूप से ऐसे खतरनाक भवनों की सूची तैयार करें और संबंधित मकान मालिकों को नोटिस जारी कर भवन को खाली कराएं या आवश्यक मरम्मत कार्य कराएं। जहां स्थिति अत्यधिक गंभीर हो, वहां ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में देर न की जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी हो विशेष अभियान
नगर पंचायतों और ग्राम पंचायतों को भी निर्देशित किया जाना चाहिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जर्जर भवनों की पहचान करें और जनहित में विशेष अभियान चलाकर लोगों को समय से पहले सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें।
जन सहयोग भी जरूरी
प्रशासन ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि वे किसी पुराने, कमजोर या जर्जर भवन में रह रहे हैं या आस-पास ऐसे किसी मकान की जानकारी रखते हैं, तो तत्काल स्थानीय प्रशासन को सूचित करें। अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए यह कदम आवश्यक है।
समय रहते उठाया गया कदम ही बचा सकता है जान
हर साल बारिश में मकान गिरने से कई जिलों में जान-माल की क्षति होती है। जौनपुर में ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए आवश्यक है कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आमजन मिलकर सावधानी बरतें और समय रहते खतरे की पहचान कर उससे बचाव करें।