Jaunpur news प्रेम की जीत: अंतरजातीय विवाह के लिए राजी हुए परिजन, धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई शादी

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प्रेम की जीत: अंतरजातीय विवाह के लिए राजी हुए परिजन, धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई शादी

Jaunpurnews जौनपुर।प्रेम की सच्चाई और समाजसेवियों के प्रयासों ने एक और प्रेम कहानी को सफल अंत दिया। शहर के खासनपुर निवासी संदीप सेठ और जोगियापुर की मोनी निषाद का प्रेम संबंध अंततः विवाह में परिणत हो गया। शुरू में दोनों पक्षों के परिजन इस अंतरजातीय विवाह के खिलाफ थे, लेकिन लंबे समय तक चले समझाइश और प्रयासों के बाद वे शादी के लिए राजी हो गए।

दोनों परिवारों की सहमति से यह विवाह जोगियापुर स्थित गोमती नदी के तट पर भगवान निषाद राज मंदिर में धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर समाजसेवी एवं मंदिर के संस्थापक धर्मेंद्र निषाद, रामकृष्ण बाबा, ननकू रामराज, जेपी निषाद और मनोज नगर की विशेष भूमिका रही।

बताया गया कि संदीप और मोनी एक-दूसरे से गहरा प्रेम करते थे और कई बार अपने परिजनों से विवाह की अनुमति की गुहार लगाई, लेकिन सामाजिक और जातीय भेदभाव के कारण उन्हें स्वीकृति नहीं मिल रही थी। वर्ष भर तक चली असमंजस की स्थिति के बीच समाजसेवियों ने मध्यस्थता की और दोनों परिवारों को समझाने का काम किया।

धर्मेंद्र निषाद और उनकी टीम की पहल पर पहले खासनपुर के चौरा माता मंदिर में बातचीत की शुरुआत हुई। इसके बाद जोगियापुर के भगवान निषाद राज मंदिर में परिवारों की सहमति से विवाह संपन्न हुआ। शादी में वर पक्ष से मदन सेठ, सोनी सेठ, पिंटू सेठ और चिंटू सेठ उपस्थित रहे। वहीं वधू पक्ष से मोनी की माता अमरावती देवी, भाई कल्लू तथा अन्य पारिवारिक सदस्य शामिल हुए।

इस मौके पर नीरज निषाद, शिव पूजन, प्रदीप निषाद, वरिष्ठ अधिवक्ता बृजेश निषाद, मुकेश निषाद और गोलू सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

समाजसेवी एवं युवा नेता धर्मेंद्र निषाद ने कहा, “जब दो लोग एक-दूसरे को पसंद करते हैं और साथ जीवन बिताना चाहते हैं, तो उन्हें वह अधिकार मिलना ही चाहिए। समाज को ऐसे संबंधों को समर्थन देना चाहिए। दोनों परिवारों की रजामंदी से यह विवाह हुआ और किसी को कोई आपत्ति नहीं है।”

इस विवाह ने यह साबित कर दिया कि प्रेम, समझदारी और सामाजिक सहयोग से किसी भी सामाजिक दीवार को गिराया जा सकता है।

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