Jaunpur news गोमती घाट निर्माण में NGT गाइडलाइन की अनदेखी : गौतम गुप्ता

गोमती घाट निर्माण में NGT गाइडलाइन की अनदेखी : गौतम गुप्ता
स्वच्छ गोमती अभियान ने उठाए गंभीर सवाल, जांच की मांग
जौनपुर।
Jaunpur news स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने नगर के उत्तरी छोर पर निर्माणाधीन घाटों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने आरोप लगाया कि इन घाटों का निर्माण कार्य नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं किया गया है। गुप्ता ने दावा किया कि संबंधित परियोजना के लिए विभागीय स्तर पर NGT से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी प्राप्त नहीं किया गया।
उन्होंने सवाल उठाया, “यदि NOC नहीं ली गई है, तो आखिर किस अधिकार से नमामि गंगे योजना के तहत गोमती नदी में अतिक्रमण कर घाटों का निर्माण कर दिया गया?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐतिहासिक शाही पुल — जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित है — के दो ताखों को पाथवे बनाकर बंद कर दिया गया है, जहां से सदियों से गोमती की अविरल धारा बहती रही है।
गौतम गुप्ता ने प्रशासन से यह भी पूछा कि किसकी अनुमति से गोमती की धारा को मोड़ दिया गया और स्थायी रूप से अवरुद्ध कर दिया गया? उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इसके साथ ही उन्होंने जल निगम और नमामि गंगे परियोजना की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। गुप्ता के अनुसार मुख्यमंत्री के जौनपुर दौरे के दौरान अधिकारियों द्वारा जिन नालों — जैसे हनुमान घाट और पंचहटिया — के ट्रैप किए जाने की जानकारी दी गई थी, वे अभी भी सीधे गोमती में गिर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि घाट निर्माण के बाद कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण का मलबा भी सीधे नदी में डंप कर दिया गया, जिससे नदी की स्थिति और अधिक खराब हो गई है।
हालांकि, गुप्ता ने जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह, विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह ‘प्रिंशु’ और नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि डॉ. रामसूरत मौर्य द्वारा गोमती की डिसिल्टिंग में दिए गए सहयोग को सराहनीय बताया और इसे “सकारात्मक पहल” करार दिया।
स्वच्छ गोमती अभियान ने घोषणा की है कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर वह इन सभी मुद्दों को लेकर जिलाधिकारी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेगा।