Jaunpur news हेलमेट नहीं, जान की कोई कीमत नहीं!

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हेलमेट नहीं, जान की कोई कीमत नहीं!
मछलीशहर-जंघई मार्ग पर बढ़ते हादसे, जागरूकता की सख्त जरूरत

Jaunpur news मछलीशहर-जंघई राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर स्थिति बन चुकी है। सोमवार सुबह जंघई रेलवे क्रॉसिंग के पास का नज़ारा इसका जीता-जागता प्रमाण था, जहां देखा गया कि केवल 20 से 30 प्रतिशत दोपहिया वाहन चालक ही हेलमेट पहने हुए थे। कुछ लोग तो जुर्माने से बचने के लिए पीछे बैठी सवारी को ही हेलमेट थमा देते हैं।

आज की युवा पीढ़ी में ट्रैफिक नियमों को लेकर लापरवाही आम हो गई है। रोजाना हो रहे सड़क हादसों में अधिकांश मौतें सिर्फ इसलिए हो रही हैं क्योंकि लोग हेलमेट नहीं पहनते। सिर की चोटें सबसे घातक होती हैं, लेकिन इसके बावजूद सड़क पर चलने वाले लाखों की बाइक चला रहे लोग हजार रुपये का हेलमेट पहनने को तैयार नहीं हैं।

गौरतलब है कि मछलीशहर-जंघई मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के बाद बीते कुछ महीनों में दर्जनों सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई बाइक सवारों की जान चली गई—केवल इसलिए क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था।

शादी-विवाह के इस मौसम में शाम के समय सड़क पर रफ्तार का उन्माद साफ देखा जा सकता है। शराब के नशे में धुत्त कुछ बाइक सवारों की स्पीड देखकर समझा जा सकता है कि अब नियंत्रण उनके हाथ में नहीं रहा। ऐसे में आम राहगीरों के पास एक ही विकल्प बचता है—हेलमेट पहनें और धीमी गति से सड़क के किनारे चलें।

नियमों की बात करें तो दोपहिया वाहन चालक के साथ पीछे बैठी चार साल से अधिक उम्र की सवारी के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य है। लेकिन कागज़ों में दर्ज नियम और जमीनी हकीकत में गहरी खाई है।

सवाल यह है कि क्या हमारी ज़िंदगी की कीमत एक हेलमेट से भी कम हो गई है? समाज में जिम्मेदारी और अनुशासन की जरूरत है। आज की पीढ़ी को समझना होगा कि नियमों की अनदेखी केवल जुर्माना नहीं, जान का सौदा है।


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