Jaunpur news आतंकवाद-हिंसा का रास्ता केवल विनाश का रास्ता है” — प्रोफेसर अखिलेश्वर शुक्ला

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“आतंकवाद-हिंसा का रास्ता केवल विनाश का रास्ता है” — प्रोफेसर अखिलेश्वर शुक्ला

Jaunpur news भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने अपने आंतरिक संकटों से ध्यान भटकाने और भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए “पहलगाम” में जघन्य आतंकी हमला करवाया, जिसके चलते हालात युद्ध के मुहाने तक आ पहुंचे हैं। इस गंभीर स्थिति पर राजनीति विज्ञान के वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं पूर्व प्राचार्य, प्रोफेसर (कैप्टन) अखिलेश्वर शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता ने परिपक्वता और संयम का परिचय देते हुए गृह युद्ध की ओर न बढ़कर सीधे आतंकवादियों और उनके आका पाकिस्तान को निशाना बनाया। भारत ने युद्ध का रास्ता न चुनकर सिर्फ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक (6-7 मई 2025) के माध्यम से जवाबी कार्रवाई की, जो वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खात्मे और विश्व शांति की दिशा में अहम कदम साबित हुआ।

लेकिन पाकिस्तान ने इस करारी चोट को पचाना असंभव समझा और मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल होते हुए भारतीय सीमाओं पर ताबड़तोड़ ड्रोन हमलों की शुरुआत कर दी, ठीक उसी प्रकार जैसे आतंकी संगठन हमास इजराइल के खिलाफ करता रहा है। भारत, जो इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमित रखना चाहता था, उसे अब पाकिस्तान की लगातार उकसावे भरी हरकतों के कारण युद्ध में धकेला जा रहा है।

प्रो. शुक्ला ने कहा कि भारत ने अपनी मारक क्षमता दिखाते हुए स्पष्ट संदेश दिया है — “भारतीय जान-माल को नुकसान पहुंचाने वाली हर कार्रवाई बंद की जाए, अन्यथा पूरा पाकिस्तान हमारी रेंज में है। यदि हमें युद्ध के लिए मजबूर किया गया, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।”

जहां पाकिस्तान सहयोग के लिए अमेरिका से अपील कर रहा है, वहीं अमेरिका ने साफ इंकार कर दिया है। प्रो. शुक्ला ने याद दिलाया कि अमेरिका जब-जब पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ, उसे अपमान का सामना करना पड़ा — चाहे 1965 के युद्ध में अब्दुल हमीद द्वारा अमेरिकी पैटन टैंक को उड़ाना हो, या 1971 में भारतीय युद्धपोत INS राजपूत द्वारा अमेरिकी पनडुब्बी ‘गाजी’ को डुबाना, या फिर 2019 में भारतीय मिग-21 द्वारा एफ-16 को गिराना। यही वजह है कि अमेरिका अब समझ चुका है कि “चाहे दोस्ती हो या दुश्मनी, बराबरी के स्तर पर ही होनी चाहिए।”

प्रो. शुक्ला ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की अद्वितीय प्रतिरोधक क्षमता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि जहां इजराइल 98% हवाई हमलों को रोकने में सफल है और रूस 80%, वहीं भारत ने अब तक 100% हवाई हमलों को विफल करने में सफलता पाई है। यह हमारे सैनिकों की लगन, साहस और अदम्य जज्बे का परिणाम है।

प्रो. (कैप्टन) अखिलेश्वर शुक्ला का मानना है कि भारतीय फौज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह स्पष्ट करने में सफल होगी कि भारत युद्ध नहीं चाहता, हम जान-माल की हानि नहीं चाहते — चाहे वह पाकिस्तानी अवाम ही क्यों न हो। लेकिन यदि भारत को मजबूर होकर युद्ध लड़ना पड़ा, तो पाकिस्तान भविष्य में आतंकवादियों का प्रशिक्षण स्थल नहीं रह पाएगा, और साथ ही बलोच, पख्तून और सिंधी समुदायों को उनके अधिकार और स्वतंत्रता दिलाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

“वसुधैव कुटुम्बकम्” और “विश्व शांति” की राह पर अग्रसर भारत की जय हो।
जय हिन्द, जय भारत!
— प्रोफेसर (कैप्टन) अखिलेश्वर शुक्ला, पूर्व प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान, राजा श्री कृष्ण दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय

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