Jaunpur news जमीन के कब्जे को लेकर DM से की शिकायत, दावा किया—कागजों में मृत घोषित कर दी गई है पहचान; जांच में निकला कुछ और

जमीन के कब्जे को लेकर DM से की शिकायत, दावा किया—कागजों में मृत घोषित कर दी गई है पहचान; जांच में निकला कुछ और
जौनपुर।
Jaunpur news मछलीशहर तहसील परिसर में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया जिसने अधिकारियों को भी चौंका दिया। सलारपुर गांव निवासी लल्लन पुत्र मोहन ने जिलाधिकारी जौनपुर के समक्ष पेश होकर दावा किया कि उन्हें सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है और उनकी जमीन किसी और के नाम कर दी गई है। लल्लन की यह बात सुनते ही सभागार में उपस्थित लोग और अधिकारी स्तब्ध रह गए।
जिलाधिकारी ने गंभीरता को भांपते हुए तुरंत हल्का लेखपाल अतुल त्रिपाठी को मौके पर बुलाया और बिना किसी देरी के निर्देश दिया कि वे तत्काल गांव जाकर रात्रि विश्राम करें और पूरे प्रकरण की तह तक पहुंचें—कैसे किसी जीवित व्यक्ति को कागजों में मृतक दर्शाकर उसकी जमीन स्थानांतरित की गई।
जांच में सामने आया असल मामला
तहसील प्रशासन की टीम ने लेखपाल के साथ गांव पहुंचकर जब आवेदन की बारीकी से जांच की, तो मामला कुछ और ही निकला। असल में, शिकायतकर्ता लल्लन पुत्र मोहन ने अपने प्रार्थना पत्र में कहीं भी खुद को मृतक घोषित किए जाने की बात नहीं कही थी। दरअसल, खतौनी में उनके नाम की प्रविष्टि गलत हो गई थी, जिसे बाद में सुधार लिया गया था। अब समस्या यह थी कि उन्हें अपनी पट्टे की जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है।
प्रशासन सक्रिय, कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया शुरू
स्थिति स्पष्ट होते ही तहसील प्रशासन ने जमीन पर कब्जा दिलवाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। लल्लन की जमीन, जो पूर्व में गलत प्रविष्टि के कारण विवाद में थी, अब उनके नाम दुरुस्त हो चुकी है, और प्रशासन उन्हें भौतिक कब्जा दिलवाने की दिशा में प्रयासरत है।
प्रशासन ने जताई नाराज़गी
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, शिकायत के तरीके पर भी सवाल उठाए गए हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि भविष्य में बिना तथ्यों की पुष्टि किए ऐसे गुमराह करने वाले बयान से बचा जाए, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया भटक सकती है।
निष्कर्ष
यह मामला बताता है कि ज़मीनी विवादों में कागजी त्रुटियों या गलतफहमियों के कारण कभी-कभी मामला ज्यादा जटिल हो सकता है। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर स्थिति स्पष्ट की और यह भी सुनिश्चित किया कि आवेदक को न्याय मिल सके।