September 8, 2024

हल्का लेखपाल पर घूस मांगने का आरोप

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घूस न मिलने से नराज लेखपाल ने सुलझे विवाद को उलझा दिया।

जौनपुर। केराकत तहसील के एक लेखपाल पर पाँच हजार रूपया घूस मांगने का गम्भीर आरोप लगा है। लेखपाल पर आरोप यह भी है कि घूस नहीं मिला तो नाराज लेखपाल ने पीड़ित के विरुद्ध एक भ्रामक रिपोर्ट लगाकर सुलझे जमीनी विवाद को फिर से और ज्यादा उलझा दिया है।
पीड़ित ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।

किस लेखपाल पर किसने लगाया आरोप

जौनपुर। हल्का लेखपाल अश्विनी कुमार श्रीवास्तव पर जलालपुर के परगना बयालसी के नहोरा गांव निवासी भोलानाथ यादव ने घूस मांगने का आरोप लगाया है। भोलानाथ ने बताया कि लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही के लिए मैं उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक जाने को तैयार हूँ।

क्या है पूरा मामला?

जौनपुर। पीड़ित भोलानाथ यादव ने बताया कि 21 वर्ष पूर्व आपसी बँटवारे में मिले मेरे हिस्से के खेत को हमारे पट्टीदार उदयभान यादव ने जबरन जोत लिया। पारिवारिक बँटवारा में उदयभान का जितना हिस्सा बनता है,उस संपूर्ण हिस्से पर वह पहले से ही बुआई-जुताई कर रहे हैं और जबरन हमारे हिस्से के खेत को जोत लिए । जिसके बाद मेरे द्वारा थाना समाधान दिवस सहित अन्य जगहों पर प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई गई थी।

लेखपाल की पहली रिपोर्ट पर सुलझ गया था पूरा विवाद।

जौनपुर। भोलेनाथ यादव ने बताया कि थाना समाधान दिवस के प्रार्थना पत्र में हल्का लेखपाल अश्विनी कुमार श्रीवास्तव द्वारा जो रिपोर्ट लगाई गई थी उससे दोनों पक्षों में खेत का सारा विवाद सुलझ गया था। रिपोर्ट में था कि दोनों पक्षों को यह बताया गया कि पूर्व में हुए आपसी बंटवारे के आधार पर दोनों पक्ष खेतों में बुआई-जुताई करेंगे। फाट- बँटवारा के बाद ही खेत का स्थान परिवर्तित किया जाएगा। इस रिपोर्ट के बाद दोनो पक्षों में बीते 21 दिसम्बर को थाने पर लिखित सुलह-समझौता हो गया और मुझे मेरा खेत मिल गया। मैंने अपने खेत में बुआई-जुताई भी कर लिया और सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था।

लेखपाल की दूसरी रिपोर्ट ने सुलझे विवाद को उलझा दिया।

जौनपुर। भोलानाथ ने बताया कि दोनों पक्षों में विवाद
उलझ गया तो विवाद सुलझाने के नाम पर हल्का लेखपाल अश्विनी कुमार श्रीवास्तव द्वारा मुझसे पाँच हजार रूपये की मांग की गई। लेखपाल की मांग पूरा नहीं किया तो मुझे सबक सिखाने के लिए मेरे द्वारा पूर्व में दिए गये एक प्रार्थना पत्र में करीब 3 महीने बाद बीते 22 मार्च को पुनः विवाद उलझने के लिए बेवजह की एक झूठी रिपोर्ट लगाई गई। रिपोर्ट में बताया गया कि उक्त खेत में उदयभान ने बुआई किया है। लेखपाल ने चालाकी से रिपोर्ट में यह बात छुपा दी कि उदयभान ने उस समय जबरन मेरे खेत को जोत लिया था और अब दोनों पक्षों में सुलह- समझौते के बाद मुझे मेरा खेत वापस दे दिया गया था। लेखपाल की उक्त रिपोर्ट को लेकर विपक्षी उदयभान अब फिर से मुझे मेरे खेत में बुआई-जुताई नहीं करने दे रहे हैं जबकि अपने हिस्से के पूरे खेत पर विपक्षी पहले से ही जुताइ -बुवाई कर रहे हैं और मेरे हिस्से की जमीन को विवादित बताकर मुझे जुताई -बुवाई करने से रोक रहा है। इससे मैं काफी परेशान होकर झगड़े की जड़ भ्रष्ट लेखपाल के विरुद्ध जिलाधिकारी महोदय को प्रर्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग किया हूँ।

आरोपों पर क्या बोले लेखपाल अश्विनी श्रीवास्तव?

जौनपुर। हल्का लेखपाल पर लगे आरोपों के बाद सी-भारत की टीम ने लेखपाल अश्विन कुमार श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे ऊपर लगाये जा रहे आरोप बिल्कुल गलत है। मेरे द्वारा रूपयों की मांग नहीं की गई है। हां जहां तक रिपोर्ट की बात है तहसील दिवस पर प्रार्थना पत्र दें तो मैं पुनः रिपोर्ट सुधार दूंगा। हालांकि रिपोर्ट सुधारने की बात से उनकी पूर्व की रिपोर्ट को ही गलत ठहराती प्रतीत होती है।

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