October 17, 2024

थाने पर जबरन सुलहनामा कराने का ग्राम प्रधान पर आरोप।

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पीड़त के स्थगन आदेश वाली भूमि पर विपक्षी का बाउंड्रीवॉल निर्माण कराने का कराया गया सुलहनामा।

जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के ग्राम प्रधान पर भूमि विवाद में एक पक्ष से जबरन सुलहनामा पर हस्ताक्षर कराने का गम्भीर आरोप लगा है। आरोप है कि पीड़ित और ग्राम प्रधान के बीच कई सालों से मुकदमा चल रहा है और प्रधान चुनावी रंजिश भी रखते है जिसके कारण वह पीड़ित के विपक्षी से मिल गये और पीड़ित के स्थगन आदेश वाली भूमि पर विपक्षी का बाउंड्रीवॉल निर्मित कराये जाने वाले सुलहनामे पर जबरन हस्ताक्षर करवा लिए। पीड़ित द्वारा जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई गई है।

क्या है पूरा मामला। पूरा मामला हौज गांव का है। उक्त गांव निवासी राधेश्याम और विद्यासागर के बीच बाउंड्रीवॉल बनाने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। बाउंड्रीवॉल विद्यासागर के पक्ष द्वारा अपनी आबादी की जमीन पर बनाने का दावा किया जा रहा है। राधेश्याम के पक्ष का कहना है की बाउंड्री वॉल उनके खेत की आराजी नंबर 1152 में बनाया जा रहा है जिसका वह विरोध कर रहें है। राधेश्याम के पक्ष द्वारा बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य रुकवाने के लिए उपजिलाधिकारी सदर को प्रार्थना पत्र दिया गया। मौके पर पहुंचे हल्का लेखपाल ने जाँच में पाया की विद्यासागर के बाउंड्रीवॉल का निर्माण पीड़ित राधेश्याम की भूमि में हो रहा है, जिसके बाद निर्माण को रोक दिया गया।

क्यों लग रहा है? ग्राम प्रधान पर आरोप।

जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के हौज गांव में राधेश्याम और विद्यासागर के जमीन विवाद के बीच हौज गांव के ग्राम प्रधान चंदन चौहान पर राधेश्याम पक्ष से जबरन सुलहनामे पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाया गया है। राधेश्याम ने बताया कि लेखपाल द्वारा विद्यासागर का निर्माण कार्य रोक दिया गया तो ग्राम प्रधान चंदन चौहान हमारे विपक्षी विद्यासागर को लेकर कई दिनों से थाने पर दौड़ रहे थे और थाने से बार-बार फोन करके हल्का दरोगा अजीत यादव द्वारा मुझे थाने पर बुलाया जा रहा था। आज दि०- 17-07-2024 को मैं,अपने भाई और माँ के साथ थाने पर आये तो देखा कि चंदन चौहान हल्का दरोगा अजीत यादव के साथ हमारे विपक्षी विद्यासागर को लेकर थाने पर पहले से बैठे हुए थे। मेरे द्वारा दरोगा जी को स्थगन आदेश की प्रति और लेखपाल की रिपोर्ट दिखाई गई परंतु मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई,उल्टे ग्राम प्रधान चंदन चौहान ने एक सादे पन्ने पर अपने हाथों से विपक्षी का निर्माण कार्य शुरु कराने के लिए उनके पक्ष में सुलहनामा लिखकर थाने में मुझे बन्द करवाने का दबाव बनाकर व धमकी देकर मुझसे हस्ताक्षर करा लिया। आरोप यह भी है कि राधेश्याम के भाई ने ग्राम प्रधान चंदन चौहान पर मुकदमा किया है और चंदन चुनावी रंजिश भी रखते हैं, जिसके कारण बदला लेने की नीयत से उन्होंने सुलहनामे पर जबरन हस्ताक्षर करवाया है,जिससे मेरी जमीन चली जाय। उक्त जमीन पर पहले गांव के ही परदेसी कब्जा करना चाह रहे थे जिसके बाद मैंने न्यायालय से स्थगन आदेश लिया और अब विद्यासागर मेरी जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं।

आरोपों पर क्या बोले ग्राम प्रधान चंदन चौहान।

जौनपुर। ग्राम प्रधान पर लगे आरोपों के बारे में सी- भारत की टीम ने ग्राम प्रधान चंदन से बात की तो उन्होंने बताया कि बेवजह झूठा आरोप लगाया जा रहा है। आज थाने पर मैं कुछ काम से बैठा हुआ था इसी दौरान दोनों पक्ष थाने पर आ गए। गांव का मामला था दोनों पक्षों का विवाद सुलझाने के लिए दोनों पक्षों की सहमति से मेरे द्वारा सुलहनामा लिखा गया है।

हल्का दरोगा अजीत यादव क्या बोले?
जौनपुर। हौज गांव के जमीनी विवाद के संबंध में सी-भारत की टीम ने हल्का दरोगा अजीत यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि विद्यासागर का मकान ऊंचाई पर है और राधेश्याम का खेत नीचे है। बरसात के कारण उनके मकान के सामने की मिट्टी कटकर बह रही है। मिट्टी को रोकने के लिए विद्यासागर द्वारा बाउंड्री वॉल बनवाया जा रहा है। दोनों पक्षों में इस बात पर समझौता हुआ है कि यदि पैमाइश में बाउंड्रीवॉल राधेश्याम के खेत में आएगी तो उसे बाद में गिरवा दिया जाएगा।

थानाध्यक्ष ने कहा पुलिस ने नहीं कराया समझौता।

जौनपुर। थानाध्यक्ष जलालपुर मनोज कुमार सिंह से बात हुई तो उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष ग्राम प्रधान के सामने आपस में सुलाह- समझौता किए हैं, उसमें पुलिस की कोई भूमिका नहीं है।

लेखपाल ने क्या कहा?

जौनपुर। राधेश्याम और विद्यासागर के बीच उत्पन्न जमीनी विवाद के बारे में हल्का लेखपाल प्रवीण सिंह से सी- भारत की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि उपजिलाधिकारी महोदय के पास दिए गये प्रार्थना पत्र के संबंध में मौके पर जाकर जाँच पड़ताल किया और पाया कि राधेश्याम का पक्ष सही है। दूसरा पक्ष विद्यासागर द्वारा बनाई जा रही दीवार का कुछ हिस्सा राधेश्याम के खेत में है जिसके बाद निर्माण कार्य को रोका गया और दोनों पक्षों को उपजिलाधिकारी के पास जाने को कहा गया है।

पूरी बात से यह साबित हुआ कि पीड़ित राधेश्याम के साथ अन्याय हो रहा है। सुलहनामा जबरन कराया गया की सहमति से हुई यह बात जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगी। हालांकि इस खबर पर हमारी नजर बनी रहेगी

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