October 18, 2024

पुल के दरारों को रात के अन्धेरे में खानापूर्ति करके किया गया ठिक।

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जौनपुर। वाराणसी-लखनऊ नेशनल हाईवे पर जलालपुर में सई नदी के ऊपर बने नए पुल के पिलर में आई करीब आठ से दस इंच की दरार को आनन-फानन में रात के अन्धेरे में जनरेटर के सहारे दर्जनों मजदूर, मिस्त्री, जेसीबी, लगाकर छिपा दिया गया। नए पिलर बनाने की जगह सिर्फ खानापूर्ति करके दरारों को छिपाया गया है। यह पुल कभी भी गिर सकती है। शासन- प्रशासन को चाहिए कि पुल के पिलर में आई दरार के मामले को संज्ञान में लेकर नए पिलर का निर्माण करवाएं जिससे बिहार वाली स्थिति यहां न हो सके। यह बातें समाजसेवी संकठा गुप्ता ने सी-भारत के टीम के एक सवाल के जवाब में कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि यह पुल 4 वर्ष पहले बनाया गया और एक साल पहले इस पुल पर वाहनों का आवागमन शुरू हुआ। एक साल में ही पुल के पिलर में आई दरारों ने पुल के मजबूती का पोल खोल दिया है। बेहतर होगा कि भ्रष्टाचार को छुपाने की जगह पुल के मजबूती पर काम किया जाए।
आपको बता दें कि जलालपुर कस्बे के शाही पुल कमजोर होने के बाद 90 की दशक में बने पुराने पुल के बगल में फोरलेन निर्माण के दौरान पिछले करीब चार साल में एक और नए पुल का निर्माण किया गया। इस पुल पर एक साल पहले ही वाहनों का आवागमन शुरू हुआ है और साल भर में ही वाराणसी से जौनपुर की तरफ के पुल के पांचवें पिलर में दरार आ गई। हालांकि वाहनों का आवागमन बाधित नहीं है। 90 की दशक में बने पुल से वाहनों का आवागमन कराई जा रही है।

कैसे किया गया पुल के दरारें को ठिक

जौनपुर। जलालपुर में सई नदी पर बने नए पुल के पांचवें पिलर में आई दरारों को अब ठीक कर दिया गया है। पिलर के निचले हिस्से जमीन से करीब 4-5 फिट के ऊपर पिलर के चारों तरफ दरार आई थी। पिलर के दरारों को ठीक करने के लिए पहले पिलर के दरारों को साफ करके उसमें मसाला भरा गया उसके बाद पिलर के चारों तरफ लोहे की सरिया का जाल बनाकर करीब चार से पाँच इंच का ढलाई कर दिया गया है। हालांकि इस पुल पर अभी वाहनो का आवागमन शुरू नहीं किया गया है।

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