February 6, 2025

शोध की गुणवत्ता को बढ़ाता है मेटा एनालिसिसः डॉ.जय कुमार

Share

शोध की गुणवत्ता को बढ़ाता है मेटा एनालिसिसः डॉ.जय कुमार रंजनकैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में कई विशेषज्ञोंने शोध की बारीकियों को समझायाजौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचलविश्वविद्यालय जौनपुर के संकाय भवन में चल रहे कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहतशुक्रवार को मुख्य वक्ता के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. जय कुमाररंजन ने मेटा एनालिसिस की उपयोगिता एवं वैज्ञानिक समीक्षा पर व्याख्यान दिया। उन्होंनेवर्तमान समय में शोध के एक उभरते आयाम मेटा एनालिसिस एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाशडाला। उन्होंने कहा कि मेटा एनालिसिस एक प्रमुख शोध प्रक्रिया है जो विभाजन औरसंग्रहीत डेटा को विश्लेषित करती है। यह अन्य शोधों के नतीजों को समीक्षित करने औरउनकी समारोहित जानकारी को पुनः विश्लेषित करने का एक विशेष तरीका है। मेटाएनालिसिस का उद्देश्य शोध की गुणवत्ता और प्रभाव को मापना,  उन्हें समीक्षित करना  और सामान्यतःस्थापित करना होता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, विश्वसनीयता,सामर्थ्य औरपरिणामों की अवधारणा में सुधार किया जा सकता है।साथ ही यह भी कहा कि अगर शोधकर्ता प्रिज्म मॉडल का ध्यान रखें तो मेटा एनालिसिसबहुत ही उन्नत और परिष्कृत हो सकता है। साथ ही ऐसे वस्तुनिष्ठ शोध में किस प्रकारके अवयवों को सम्मिलित नहीं करना है का भी ध्यान रखना उतना ही आवश्यक होता है। इसप्रकार की एनालिसिस में किस प्रकार से आर सॉफ्टवेयर जैसे टूल्स मदद कर सकते हैउसके एक-एक चरण को विस्तारपूर्वक समझाया। इसके पूर्व मुख्य वक्ता के रूपमें प्रथम सत्र को बीएचयू से आये प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह ने डेटा एनालिसिस मेंएमएस एक्सेल उपयोगिता पर संबोधित किया । इसके बाद कार्यक्रम के द्वितीय सत्र मेंअहमदाबाद विश्वविद्यालय अहमदाबाद से आई विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर उर्मी नंदा विश्वासने प्रतिभागियों को सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में शोध पत्र व थीसिस लेखन परविस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंने अच्छे शोध लेखन गुणों से अवगत कराते हुए उसकेविभिन्न चरणों में होने वाली गलतियां के बारे में छात्रों को अवगत कराया। प्रो. विश्वासने कहा कि आज वर्तमान परिवेश में एक अच्छे शोधार्थी को मौलिकता, विनम्रता जैसे गुणों को आत्मसात करनेकी भी महती आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ.प्रियंका सिंह, डॉ. साधना मौर्या, डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव, डॉ. अंकिताश्रीवास्तव, डॉ. निशा पांडेय, श्रुति श्रीवास्तव, कश्मा सिंह, , रेनु मल चौहान, डॉ. दया सिंधु, डॉ.विवेक मिश्रा, डॉ.कपिलदेव,  अनुपम,  दीपक कुमार यादव, एजाज अहमद, डॉ. वीरेंद्र कुमार साहू,  डॉ. दीपक कुमारदास, बब्बन कुमार, एसी सिंह, चंद्रभुज कश्यप, यदुभान कुमार आदि  उपस्थित  रहे।

About Author