आगामी 11 मार्च को दवा प्रतिनियों का लखनऊ में धरना प्रदर्शन।
आगामी 11 मार्च को दवा प्रतिनियों का लखनऊ में धरना प्रदर्शन।
जौनपुर। आज दिनांक 16 फरवरी को यूपीएमएसआरए के आवाहन पर जौनपुर के दवा प्रतिनिधियों ने अपनी 25 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री को ईमेल के माध्यम से तथा जिलाधिकारी जौनपुर के माध्यम से प्रेषित किया। अपनी मांगों के संदर्भ में प्रदेश के सभी दवा प्रतिनिधि आगामी 11 मार्च को लखनऊ में विशाल धरना करेंगे।
दवा प्रतिनिधियों मुख्य मांगे निम्नलिखित हैं-
1– चार श्रम संहिताओं को निरस्त करें और बिक्री संवर्धन कर्मचारी अधिनियम, 1976 सहित मौजूद श्रम कानून को जारी रखें।
2– सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की निश्चित अवधि रोजगार पर नियुक्त की अनुमति न दें।
3– सुनिश्चित करें कि नियोक्ताओं द्वारा सहस्त्र प्रमोशन कर्मचारियों की कोई छटनी, स्थानांतरण आदि न किया जाए।
4– सभी श्रेष्ठ प्रमोशन कर्मचारियों को समय पर वेतन का पूरा भुगतान सुनिश्चित करें।
5– बिक्री संवर्धन कर्मचारी अधिनियम,1976 के प्रावधानों के तहत विकृत संवर्धन कर्मचारियों के लिए वैधानिक कार्य नियम बनाएं।
6– इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के माध्यम से निगरानी, ट्रैकिंग और गोपनीयता में घुसपैठ को रोकें।
7– बोनस संदाय अधिनियम,2015 के अनुसार उत्तर प्रदेश में कार्यरत सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को बोनस का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
8– कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम,1948 के अनुसार सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को चिकित्सा देखभाल, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
9– श्रम कानून का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं पर मुकदमा चलाकर उन्हें उचित सजा दी जाए।
10– उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 2 (z) में संशोधन करें तथा “बिक्री संवर्धन कर्मचारी” को “वर्कमैन” की परिभाषा में शामिल करें।
11– सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन के निर्धारण के लिए वेतन बोर्ड का गठन करें।
12– उत्तर प्रदेश में कार्यरत सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन प्रति माह
रुपए 26000 की घोषणा करें।
13– उत्तर प्रदेश में कार्यरत सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों के लिए 8 घंटे कार्य दिवस की अनुसूची घोषित करें तथा कार्य के घंटे निश्चित करें।
14– 1 मई “मजदूर दिवस” को अवकाश घोषित करें।
15– दवाओं की ऑनलाइन बिक्री बंद करें । यह प्रथा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के विपरीत है और इसके दुरुपयोग की आशंका है। ऑनलाइन फार्मेसी के माध्यम से तर्कहीन और गैर-आवश्यक दवाओं के प्रचार की संभावना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
16– दवाओं की कीमतें कम करें और जीवन रक्षक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर शून्य जीएसटी सुनिश्चित करें।
17– स्वास्थ्य सेवा के लिए बजट आवंटन बढ़ाया जाए।
आज जिलाधिकारी को ज्ञापन देते समय राज्य ईकाई सचिव नीरज श्रीवास्तव, राजेश रावत, अजय चौरसिया, मनोज सिंह, आलोक सिंह, अमित रंजन श्रीवास्तव, अच्युत दुबे, अजय सिंह, सुनिल चौधरी, आकाश सिंह, अनिल मिश्रा, प्रवीन मिश्रा, आदित्य सिंह उपस्थिति रहे।