बजट में देश के करोड़ों कर्मचारियों के विषय पर कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण
*बजट में देश के करोड़ों कर्मचारियों के विषय पर कोई फैसला न होना दुर्भाग्यपूर्ण/ टैक्स स्लैब में राहत न मिलने से कर्मचारियों में छाई मायूसी / निजीकरण की ओर भागती जा रही सरकार ।
आज संसद में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीता रमन जी द्वारा लाये गए बजट बेहद निराशाजनक है यह बजट वर्तमान सरकार का आखिरी बजट था इस बजट के बाद सरकार को चुनाव में जाना है। इस कारण देश का लाखों शिक्षक व कर्मचारी मा0प्रधानमंत्री जी की तरफ काफी आशा भरी नजरों से देख रहा था कि भारत सरकार बजट में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करेगी किंतु पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा न होने से शिक्षक व कर्मचारियों में मायूसी है। यह देश का दुर्भाग्य है कि देश कि सेवा में दिन-रात लगे रहने वाले करोड़ों कर्मचारियों के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया गया। निजीकरण बढ़ता जा रहा है रोजगार पर भी कोई स्पष्ट विजन नहीं आया जिस रोजगार के अवसर भी उपलब्ध नहीं होगे और आउटसोर्सिंग, संविदा के तहत कर्मचारियों का शोषण लगातार जारी रहेगा।।
इंदु प्रकाश यादव
जिला महामंत्री अटेवा जौनपुर