October 18, 2024

हर साल पूरी दुनिया 60 लाख लोग तम्बाकू सेवन की वजह से गंवाते हैं जान: सीएमओ

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कार्यशाला

-एसीएमओ डॉ राजीव कुमार ने कैंसर से मरने वालों में 40 फीसदी के लिए तम्बाकू सेवन को कारण बताया
जौनपुर,
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कुंवर हरवंश सिंह पैरामेडिकल कालेज में कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में हर साल 60 लाख लोग तम्बाकू सेवन के कारण जान गंवाते हैं। हर छह सेकेंड पर एक धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है।
नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ राजीव कुमार ने कहा कि भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 की मौत तम्बाकू सेवन के कारण होती है। उन्होंने बताया कि अभी हाल में ही ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे 2021 जारी किया गया है। इससे पता चलता है कि 23 प्रतिशत लड़के और 24 प्रतिशत लड़कियां किसी न किसी रूप में तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। 22 प्रतिशत विद्यार्थी सार्वजनिक स्थानों पर परोक्ष रूप से धूम्रपान करते हैं। जीएटीएस 2 की रिपोर्ट भी बताती है कि 23 प्रतिशत पुरुष, 3.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों में से 13.5 प्रतिशत इस समय तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं। युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर करने, तम्बाकू सेवन के जोखिमों के बारे में बताया जा है। इस दौरान तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा 2023 की सभी धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया गया है।
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के क्षेत्रीय समन्वयक दिलीप पांडे ने सभी थानों को तम्बाकू मुक्त कराए जाने के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कोटपा अधिनियम 2023 की धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम की धारा चार के तहत सभागृह, अस्पताल, भवन, रेलवे स्टेशन प्रतीक्षालय जैसे सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अपराध है। धारा पांच के तहत तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या परोक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध है। धारा छह-अ के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है। डा राजीव कुमार ने इन प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन करने का आह्वान किया। कार्यशाला में पैरामेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य, अध्यापक, स्टाफ तथा छात्राएं शामिल हुईं जबकि एनसीडी सेल के अधिकारी/कर्मचारी विवेक मौर्या, धीरज यादव, कुलदीप श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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