एनपीवाई की धनराशि शत-प्रतिशत टीबी मरीजों तक पहुंचाएं: डीएम
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जौनपुर, । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान के तहत टीबी फ्री ग्राम पंचायत/नगर-निकाय वार्ड तथा फैमिली केअर गिवर कार्यक्रम के संबंध में जिलाधिकारी अनुज कुमार झा की अध्यक्षता में जनपदीय अंतर्विभागीय समन्वय बैठक हुई।
इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डीटीओ डॉ राकेश कुमार सिंह ने टीबी फ्री ग्राम पंचायत/नगर-निकाय वार्ड अंतर्गत जनपद स्तर एवं ब्लॉक स्तर के प्रशिक्षण तथा राज्य स्तर से जारी दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से प्रस्तुति दी। जिलाधिकारी ने टीबी कार्यक्रम के समस्त सूचकांकों की समीक्षा की। उन्होंने एनपीवाई के अंतर्गत दी जाने वाली धनराशि को शत प्रतिशत टीबी मरीजों को दिए जाने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी स्वास्थ्य इकाइयों में ओपीडी, आयुष्मान मेला, रविवारीय जन आरोग्य मेला की समीक्षा की। उन्होंने प्रतिदिन की ओपीडी से 10 प्रतिशत स्पुटम रेफरल कराने का निर्देश दिया। साथ ही डीएचएस की हर बैठक में इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया। टीबी कार्यक्रम की गतिविधियों को पंचायत की विकास योजनाओं में शामिल करते हुए ब्लॉक स्तर के सभी प्रशिक्षणों में सभी बीडीओ को प्रभारी चिकित्साधिकारियों से समन्वय बनाकर पूरा सहयोग देने के निर्देश दिए।
बैठक में सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी, डीपीओ, सभी ब्लाकों के बीडीओ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार, समस्त स्वास्थ्य केंद्रों के एमओआईसी ने प्रतिभाग किया। वहीं टीबी टास्क फोर्स एवं फोरम के समस्त पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।
टीबी मुक्त घोषित करने के लिए पूरे करने होंगे छह पैरामीटर —
1.ग्राम पंचायतों/नगर वार्डों में 1000 की जनसंख्या पर प्रतिवर्ष 30 जांच होनी जरूरी।
- 1000 की जनसंख्या पर टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन एक मरीज या शून्य पाया जाना।
3.यूडीएसटी जांच- समस्त माइकोबैक्टेरियोलॉजिकल कनफर्म्ड टीबी रोगियों की 60 प्रतिशत जांच होनी चाहिए।
4.निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत सभी उपचार पर टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपये की धनराशि-100 प्रतिशत होनी चाहिए।
5.सभी टीबी रोगियों को गोद दिलाया जाना।
6.गोद लिए गए टीबी रोगियों को 100 प्रतिशत अतिरिक्त पोषण सामग्री दिया जाना।
उपरोक्त पैरामीटर प्राप्त करने के लिए सभी एमओआईसी, बीडीओ एवं डीपीआरओ को निर्देशित करते हुए जनपद के सभी ग्राम प्रधानों, सचिवों, सीएचओ सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए गए।
टीबी फैमिली गिवर कार्यक्रम के तहत उपचार पर चल रहे टीबी मरीजों की सहमति से उनके परिवार के एक सदस्य को उसकी देखरेख के लिए फैमिली केअर गिवर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। फैमिली केअर गिवर उन्ही लोगों को बनाया जाना है जिसकी उम्र 14 वर्ष से अधिक हो और पढ़ना-लिखना जानता हो। इसका प्रमुख उद्देश्य मरीज के स्वास्थ्य की देखभाल करना होगा। समय से दवा लिया जाना, दवा का कोई प्रतिकूल असर होने पर तुरंत ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी को अवगत कराना, समय से मरीज की फॉलोअप जांच कराना, डीबीटी का मिलना आदि के बारे में उसे प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे मरीजों का उपचार पूरा करने में मदद मिलेगी तथा टीबी रोगियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।