डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई

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अमर कंटक (मध्य प्रदेश)।
डॉ. हरि शंकर कुमार जी छत्तीसगढ़ के “बिलासपुर शहर के भूमि उपयोग और पर्यावरणीय परिवर्तन” पर पिछले 6 वर्षों से शोध कार्य कर रहे हैं। इन्होंने अपना शोध-प्रबंध भूगोल विभाग से पूर्ण करने के उपलक्ष में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है। शोध प्रबंध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भूगोलवेत्ता प्रो० बी. सी० वैद्या और केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के प्रो० मुरारी लाल मीणा जी ने मूल्यांकन किया। आपने शोध प्रबंध के मौखिकी (Viva-voce) में पर्यवेक्षक के रूप में प्रो० मुरारी लाल मीणा जी के सभी प्रश्नों का तथ्यात्मक उत्तर देकर सरलता से प्रस्तुतीकरण किया। प्रो० मीणा जी ने शोध से संबंधित बहुमुल्य सुझाव देते हुए भविष्य में अच्छे शोधकार्य करने की शुभकामनाएं दीं।
डॉ. हरि शंकर कुमार जी मूलतः बिहार के पटना और गया के निवासी हैं। इनकी शिक्षा दीक्षा गया (बिहार), काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बी०एच०यू०, उत्तरप्रदेश), और अमरकंटक (मध्यप्रदेश) से पूर्ण हुई है। आप अध्ययन – अध्यापन के साथ-साथ सामाजिक कार्यो में भी अग्रणी भूमिका निभाते आए हैं। वर्तमान में “प्रणाम नर्मदा युवा संघ” में सहयोगी की भूमिका निभाते हुए जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम से सम्बंधित कई अभियानों में सम्यक रूप से अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रहें है। इसके अतिरिक्त, आप मंगल भूमि फाउंडेशन (बांदा, उत्तर प्रदेश) की ओर से पानी बचाओ अभियान चलाने वाले राम बाबू तिवारी के साथ मिलकर बुंदेलखंड के चित्रकूट में मंदाकिनी नदी अध्ययन पर कार्यशाला आयोजित कर देश के युवाओं को जागृत कर रहे हैं। साथ ही आप वतर्मान में कोया पूनम गोंडवाना महासभा में राष्ट्रीय उप सचिव के पद पर रहते हुए जनजातीय समुदाय के बीच कार्य कर रहे हैं

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