September 16, 2024

क्वालिटी एश्योरेंस के लिए परखी गईं जिला महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं

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क्वालिटी एश्योरेंस के लिए परखी गईं जिला महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं

-पत्रावलियों के रखरखाव, मरीजों के प्रति व्यवहार, साफ-सफाई, इन्फेक्शन से बचाव के लिए दी जाने वाली सेवाओं से प्रभावित

  • दो सदस्यीय दल ने अस्पताल की सुविधाओं का किया भौतिक सत्यापन

जौनपुर,

राज्य स्तरीय दो सदस्यीय टीम ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन के लिए जिला महिला अस्पताल का आंकलन किया। इस दौरान उन्होंने पत्रावलियों के रखरखाव, मरीजों के प्रति व्यवहार, साफ-सफाई, इन्फेक्शन से बचाव के लिए दी जाने वाली सेवाओं के लिए वहां के कर्मचारियों की प्रशंसा की।

दो सदस्यीय इस टीम में डॉ एसके सिंह तथा डॉ तौकीर नबी शामिल थे। उन्होंने 12 विभागों वाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), अंत: रोगी विभाग (आईपीडी), आपातकालीन सेवाएं, श्रमिक कक्ष, सामान्य प्रशासन, प्रयोगशाला, फार्मेसी व सहायक सेवाओं आदि का आंकलन किया। उन्होंने रोगियोंं और उनके तीमारदारों से भी बात कर अस्पताल में मिलने वाली सेवाओं की जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों के मरीजों के प्रति व्यवहार, पत्रावलियों का रखरखाव और साफ-सफाई से बहुत प्रभावित हुए और इसके लिए प्रशंसा भी की।

यहां यह जानना जरूरी है कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन तीन चरणों में पूरा होता है। पहले चरण में हॉस्पिटल के ही कर्मचारी अस्पताल की सेवाओं और सुविधाओं का आंकलन करते हैं। उस आंकलन में 70 प्रतिशत से ऊपर आने पर राज्य स्तर से गठित टीम उसका मूल्यांकन करती है जिसमें सही पाए जाने पर केंद्र सरकार को चिकित्सालय के सभी अभिलेख भेज दिए जाते हैं। उसके बाद केंद्र सरकार टीम गठित कर उक्त चिकित्सालय का भौतिक सत्यापन कराती है। इसलिए ही जिला महिला अस्पताल का राज्य सरकार की तरफ से दो सदस्यीय टीम ने भौतिक परीक्षण किया। भौतिक परीक्षण के दौरान अस्पताल के सभी विभागों का भौतिक परीक्षण कर उनके अभिलेखों की जांच की गई। अस्पताल में उपस्थित कर्मचारियों का साक्षात्कार तथा भर्ती मरीजों का फीडबैक लिया गया। परीक्षण के दौरान जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ तबस्सुम बानो, मंडलीय क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ तनवीर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी, क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ क्षितिज पाठक, जिला महिला अस्पताल के प्रबंधक डॉ आशीष के साथ ही सभी 12 विभागों के नोडल कोआर्डिनेटर मौजूद थे।

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