November 22, 2024

राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विशेष

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हर रविवार करें मच्छर पर वार व लार्वा पर प्रहार
हाईरिस्क एरिया चिह्नित कर बरती जाने लगी है सतर्कता
मच्छरों के स्रोत के विनष्टीकरण, साफ-सफाई को भेजी क्षेत्रों की सूची
जौनपुर,
डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है। इसके प्रति जन-जागरूकता पैदा करने के लिए हर वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस बार राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम -हार्नेस्ट पार्टनरशिप टू डिफीट डेंगू (मिलजुलकर आपसी भागीदारी से डेंगू को हराना) है। इस वर्ष का स्लोगन- ‘हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वा पर प्रहार ‘ है।
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष पाए गए डेंगू मरीजों की संख्या के आधार पर हाई रिस्क एरिया चिह्नित किए गए हैं। इसके मद्देनजर बदलापुर, जौनपुर, केराकत और मछलीशहर के नगरीय क्षेत्र को चिह्नित कर वहां पर सतत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। इस वर्ष ऐसी जगहों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। डेंगू डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छरों के स्रोत विनष्टीकरण का काम कराने के साथ ही जन-जागरूकता फैलाई जा रही है और साफ-सफाई का कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए पंचायती राज और नगर विकास विभाग को क्षेत्रों की सूची दे दी गई है। अप्रैल में चलाए गए संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान भी आशा कार्यकर्ताओं के जरिए पूरे जनपद में जन-जागरूकता, मच्छरों के स्रोत और उन्हें नष्ट करने के उपाय बताए गए थे।
कहां- कितने मिले थे डेंगू मरीज: वर्ष 2020 में डेंगू के 21 मरीज तथा 2021 में 160 मरीज मिले थे। वर्ष 2022 में 1160 डेंगू के मामले पाए गए जिनमें से बदलापुर में 446, बख्शा में 35, बरसठी में पांच, धर्मापुर में 23, जलालपुर में 13, करंजाकला में 25, केराकत में 34, खुटहन में 13, मछलीशहर में 94, महराजगंज में नौ, मड़ियाहूं में 18, मुंगराबादशाहपुर में नौ, रामनगर में पांच, रामपुर में एक, सिकरारा में 16, सिरकोनी में 22, सोंधी में 22, सुइथाकला में तीन, सुजानगंज में 17 और शहरी क्षेत्र में 336 मामले पाए गए थे।
जिला मलेरिया अधिकारी डीएमओ भानु प्रताप सिंह कहते हैं कि हमारे घरों के अंदर रखें कूलर, फ्रीज, गमले, प्लास्टिक के पात्रों में जमा पानी में ही डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छर पनपते हैं। एडीज मच्छर साफ पानी में पाए जाते हैं। इसलिए इस पर नियंत्रण करने के लिए जन सहभागिता जरूरी है। बिना इसके इस पर नियंत्रण पाना मुश्किल होगा। उन्होंने बताया कि इस बार 16 मई को हर ब्लाक और जिला स्तर पर राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। साथ ही इससे निपटने के लिए अपनी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इन तैयारियों में जनपद स्तर पर कम से कम 10 बेड का और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर पांच बेड का मच्छरदानीयुक्त वार्ड बनाया जाना है। प्रत्येक सीएचसी पर पहले से ही गठित रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) को सक्रिय कर दिया जाएगा जो अपने क्षेत्र में संभावित मरीजों के घर जाकर तत्काल उपचार एवं निरोधात्मक कार्रवाई करेंगी। मच्छरों के प्रजनन स्थल/जमा पानी को खाली कराया जाएगा। जनसामान्य को आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से कूलर आदि की साप्ताहिक अंतराल पर साफ-सफाई के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान थाने में खड़े वाहनों को हटवाया जाएगा। जिन वाहनों को हटाना संभव नहीं होगा उन्हें पालीथीन से ढकवाने का प्रयास किया जाएगा जिससे वहां पर पानी न इकट्ठा होने पाए। छत पर टायर, उपयोग के बाद फेंके गए कुल्हड़ों आदि में ही मच्छरों के लार्वा पनपते हैं। उन्हें भी नष्ट कराने या मिट्टी में दबवाने का प्रयास किया जाएगा।उन्होंने लोगों से बारिश होने के बाद कूलर या अन्य किसी पात्र में अनावश्यक रूप से पानी नहीं डालने की अपील की है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष अक्टूबर-नवम्बर तक कूलरों में पानी मिले थे जिसे खाली कराया गया था।

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