November 16, 2025

Jaunpur news पीयू में ‘एडवांस्ड मटेरियल कैरेक्टराइजेशन टेक्नीक्स’ पर हुआ वर्कशाप

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इन्द्रजीत सिंह मौर्य की रिपोर्ट

पीयू में ‘एडवांस्ड मटेरियल कैरेक्टराइजेशन टेक्नीक्स’ पर हुआ वर्कशाप

एक दिवसीय हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग वर्कशॉप शोध और नवाचार को मिली नई दिशा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर रिन्यूएबल एनर्जी एवं प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिक विज्ञान अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में “एडवांस्ड मटेरियल कैरेक्टराइजेशन टेक्नीक्स” विषय पर एक दिवसीय हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग वर्कशॉप का शुक्रवार को आयोजन किया गया। जिसमेविश्वविद्यालय को प्राप्त डीएसटी-पर्स परियोजना की एसएसआर गतिविधियों के अंतर्गत हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रशिक्षण कार्यशालाएँ शोध और नवाचार की गुणवत्ता को बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक उपकरणों के उन्नत प्रयोग को समझना और व्यावहारिक कौशल विकसित करना छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।
मुख्य वक्ता प्रो. नरेंद्र कुमार सिंह ने यूवी-विजिबल एवं एफटीआईआर स्पेक्ट्रोस्कोपी की संरचना, कार्यप्रणाली और मटेरियल कैरेक्टराइजेशन में उनके अनुप्रयोगों पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही, प्रतिभागियों को आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोगात्मक महत्व से भी अवगत कराया।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रमोद यादव ने कहा कि मटेरियल कैरेक्टराइजेशन आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान की रीढ़ है। ऐसे कार्यक्रम छात्रों के बीच प्रयोगात्मक समझ को विकसित करते हैं और शोध संस्कृति को सशक्त बनाते हैं।
अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. देवराज सिंह ने विश्वविद्यालय में शोध सुविधाओं के विस्तार और डीएसटी-पर्स परियोजना के योगदान पर प्रकाश डाला। तकनीकी सत्रों में आमंत्रित विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को उपकरणों की कार्यप्रणाली, प्रयोग प्रक्रिया और शोध के व्यावहारिक पक्षों से अवगत कराया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. धीरेंद्र कुमार चौधरी ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की और डीएसटी-पर्स परियोजना के उद्देश्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। संचालन डॉ. काजल कुमार डे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुजीत के. चौरसिया ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डॉ. पुनीत धवन, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. रमांशु सिंह, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. दिनेश वर्मा, प्रो. गिरधर मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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