Jaunpur news रामनगर भड्सरा गांव की सड़कों पर जलजमाव बना परेशानी का सबब, स्कूली बच्चों सहित राहगीर हो रहे हादसों का शिकार

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जौनपुर। जनपद के लाइन बाजार से कजगांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर स्थित रामनगर भड्सरा गांव इन दिनों भारी जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है। गांव की मुख्य सड़क पर महज 50 मीटर दूरी पर रेलवे क्रॉसिंग के पास जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण बारिश के बाद सड़क पूरी तरह से पानी में डूब जाती है।

स्थिति यह है कि दो से तीन फीट तक पानी इकट्ठा हो जाता है, जिससे राहगीरों सहित स्कूल जा रहे छात्र-छात्राओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आए दिन लोग फिसलकर गिरते हैं, स्कूली बच्चों को गिरकर घर लौटना पड़ता है और कई बार तो लोग गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन इसके समाधान के लिए जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कुछ महीने पहले ही इस मार्ग पर सड़क निर्माण कराया गया था, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी के कारण सड़क एक साल भी नहीं टिक सकी और अब उसकी स्थिति बद से बदतर हो गई है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यही रास्ता उस गांव को जोड़ता है, जिसे ‘आईएएस गांव’ के नाम से जाना जाता है—माधोपट्टी। इसी मार्ग से होकर प्रतिदिन 50 से अधिक प्रशासनिक अधिकारी, सेवानिवृत्त व सेवारत IAS और PCS अधिकारी, उनके परिजन तथा हजारों की संख्या में आमजन आवागमन करते हैं।

यह सड़क लाइन बाजार से लेकर सितमसराय, भरासड़ा, माधोपट्टी होते हुए सितम सराय तक जाती है। करीब 60 हजार की आबादी इसी मार्ग पर निर्भर है, लेकिन स्थिति यह है कि हल्की बारिश होते ही सड़क तालाब का रूप ले लेती है। सड़क की पटरी तक नहीं बनाई गई, जिससे जलनिकासी का कोई रास्ता नहीं है।

स्थानीय निवासी बार-बार जिला प्रशासन, PWD विभाग और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला है। जनता का कहना है कि एक तरफ सरकार गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर यह गांव अब भी विकास की बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है।

स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही जलजमाव की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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