Jaunpur news पांच बैंक कर्मियों व ज्वेलरी शॉप संचालक पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

पांच बैंक कर्मियों व ज्वेलरी शॉप संचालक पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
कोर्ट ने पुलिस को जांच के आदेश दिए, गोल्ड लोन में गड़बड़ी का मामला
जौनपुर।
Jaunpur news गोल्ड लोन के एक मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और कूटरचना के आरोप में कोर्ट ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पांच अधिकारियों और वाराणसी स्थित एक ज्वेलरी शॉप संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) श्वेता यादव के निर्देश पर जफराबाद पुलिस ने 16 जुलाई को संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी।
वादी विक्रांत सिंह, निवासी हुसैनाबाद, ने अधिवक्ता प्रशांत उपाध्याय के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि वह एक मेडिकल एजेंसी संचालित करता है। वर्ष 2022 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कजगांव शाखा से 17 लाख रुपये का गोल्ड लोन लिया था। बैंक के अप्रेजर मनीष कुमार सेठ ने वादी के सोने की शुद्धता की जांच कर उसे 22 कैरेट बताया, जिसका प्रमाणपत्र भी वादी के पास मौजूद है।
वादी के अनुसार, बैंक ने उक्त गोल्ड को गिरवी रखकर लोन स्वीकृत किया और गोल्ड लोन खाते को उसके बचत खाते से लिंक कर दिया गया। लेकिन बाद में बैंक कर्मचारियों द्वारा साजिश के तहत 20 जनवरी 2023 को सोने का पुनर्मूल्यांकन वाराणसी के वंदना ज्वेलर्स के प्रोपराइटर राकेश सेठ से कराया गया, जिसकी न तो वादी को जानकारी दी गई और न ही जांच के समय उसे बुलाया गया।
वादी को बाद में सूचित किया गया कि उसका गोल्ड “जीरो कैरेट” है और तत्काल लोन की राशि ब्याज सहित जमा करने को कहा गया। आरोप है कि बैंक कर्मियों के दबाव में वादी ने 10 फरवरी 2023 को पूरा लोन ब्याज सहित चुका दिया।
वादी ने यह भी आरोप लगाया कि बैंक ने 92 लाख रुपये के घाटे का झूठा आधार बनाकर लाइन बाजार थाने में एक फर्जी मुकदमा दर्ज कराया, जिससे वादी को उसके गोल्ड से वंचित किया जा सके। गोल्ड मांगने पर वादी को धमकियाँ भी दी गईं।
कोर्ट ने आदेश में टिप्पणी की कि जिस गोल्ड की शुद्धता जांच के बाद लोन स्वीकृत किया गया, उसी को बाद में “जीरो कैरेट” बताया जाना हैरान करने वाला है, जबकि वह बैंक की निगरानी में लगातार सुरक्षित था। कोर्ट ने यह भी प्रश्न उठाया कि क्या गिरवी रखे गए गोल्ड की अदला-बदली की गई या नहीं — यह जांच का विषय है।
सीजेएम ने थानाध्यक्ष जफराबाद को एफआईआर दर्ज कर विधिसम्मत विवेचना करने का निर्देश दिया, जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कर लिया है।
मुख्य आरोपी:
- मुकेश कुमार (वरिष्ठ शाखा प्रबंधक)
- राज गौरव सोनी (उप शाखा प्रबंधक)
- भानु प्रताप सिंह (सीनियर मैनेजर)
- चेतना (तत्कालीन शाखा प्रबंधक)
- मनीष कुमार (मुख्य शाखा प्रबंधक)
- राकेश सेठ (प्रोपराइटर, वंदना ज्वेलर्स, वाराणसी)