कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी सस्ती दवाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण : डॉ. शैलेन्द्र अस्थाना
कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी सस्ती दवाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण : डॉ. शैलेन्द्र अस्थाना
विज्ञान संकाय में हुआ व्याख्यान का आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के बॉयोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी और एनवायर्नमेंटल साइंस विभाग द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन गुरुवार को किया गया।
ट्रांसलेशनल हेल्थ एंड साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, डिपार्टमेंट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, गुरुग्राम हरियाणा के वरिष्ठ वैज्ञानिक
डॉक्टर शैलेंद्र अस्थाना ने कहा कि प्रोटीन के अध्ययन से कारगर एवं सस्ती दवा को विकसित किया जा सकता है जिससे विभिन्न प्रकार के असंचारी और संचारी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है । डॉ अस्थाना ने कहा कि महंगी एंटीबाडी कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में लाखों रूपये खर्च करने पड़ते है उसके विकल्प के तौर पर वे एंटीबाडी मिमिक्स विकसित करने पर लगे है जिससे कैंसर जैसी बीमारी पर होने वाली भारी भरकम खर्च को कम करके 8 से 10 हजार रुपये पर लाया जा सकता है |
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की प्रेरणा एवं विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष द्वारा विद्यार्थियों में शोध के प्रति आकर्षण विकसित हो, ऐसे कार्यक्रमों के लिए सतत प्रयासरत है ।
कार्यक्रम का संचालन बायोटेक्नोलॉजी की शोध छात्रा मंजूषा ने किया और स्वागत प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. राम नारायन, डॉ श्री प्रकाश तिवारी , डॉ मनीष कुमार गुप्ता, एवं डॉ विवेक पाण्डेय ने किया | डॉ. सिपाही लाल पटेल द्वारा कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया एवं डॉ. श्वेता श्रीवास्तव अतिथि के संक्षिप्त जीवन परिचय के बारे में बताया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिनेश कुमार ने किया इस कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एवं एनवायर्नमेंटल साइंस के विद्यार्थी एवं शिक्षकों में डॉ संजीव मौर्य, श्री ऋषि श्रीवास्तव, डॉ. प्रतिमा , मिस ईशानी भारती, डॉ दीपक, डॉ अभय कुमार गुप्ता, शोध छात्र एवं बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के छात्र उपस्थित रहे।