कड़ाके की ठंड में गली के भूखे पिल्लों की मददगार बनी शिक्षिका

Share

कड़ाके की ठंड में गली के भूखे पिल्लों की मददगार बनी शिक्षिका

जौनपुर शहर के परमानतपुर काली कुत्ती मोहल्ले में परिषदीय विद्यालय में पढ़ाने वाली शिक्षिका छाया सिंह गली के आठ पिल्लों की जिंदगी के लिए एक मसीहा की तरह कार्य कर रही हैं। महीने भर पहले जन्मे इन पिल्लों के लिए वह सुबह और शाम दो -दो लीटर दूध लेती हैं और खाना खिलाती हैं।वह जैसे ही स्कूल के लिए घर से निकलती हैं पिल्ले उन्हें घेर लेते हैं। ये पिल्ले उनके घर के सामने बंद पड़े मकान की बाहरी सीढ़ी के नीचे रह रहे हैं। गांव से पुआल मंगाकर उनके लिए सीढी के नीचे उनका आसियाना उन्होंने बना दिया है।

वह कहती हैं कि स्कूल से वापस आने पर ऐसा लगता है कि ये पिल्ले उनका इंतजार करते रहते हैं।गली में उनको आते देख वे दौड़ पड़ते हैं।वह कहती हैं कि गली के कुत्तों के प्रति भले ही लोगों का चाहे जो दृष्टिकोण हो लेकिन इस भीषण ठंड में इन भूखे बच्चों को देखकर उनसे रहा नहीं गया। इससे पूर्व पिछले साल भी उन्हें एक पिल्ला गली में मिला था और उन्होंने उसे पाल लिया है और वह अब एक वर्ष का हो गया है जो उनके घर में ही उनके साथ रहता है जिसे वह प्यार से कोको के नाम से बुलाती हैं।
वह आगे कहती हैं कि गांव में तो ऐसे बच्चे किसी तरह पल बढ़ लेते हैं लेकिन शहरों में इन्हें भोजन से ज्यादा समस्या सर छुपाने की होती है।

About Author