September 21, 2024

भरत मिलाप के सुंदर मंचन से श्रोता भाव- विभोर

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शाहगंज। तहसील क्षेत्र के सुइथाकला विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत कटघर रामनगर में आदर्श रामलीला समिति द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला के अंतिम दिन पात्रों ने भरत मिलाप का सुंदर मंचन किया। पात्रों द्वारा किये गए उत्कृष्ट अभिनय को श्रोताओं ने जमकर सराहा।शानदार मंचन और प्रस्तुति से भरत के आदर्श भाई के अनुकरणीय जीवन की छाप लोगों पर पड़ी। जीवंत एवं सजीव चरित्र -चित्रण से दर्शन व श्रोता भाव -विभोर हो उठे।भरत के जीवन पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक अजय मिश्र ने बताया कि रामायण के सबसे उत्कृष्ट पात्र भरत का जीवन भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है।उन्होंने उनके जीवन को आदर्श भाई,त्याग और प्रेम की पराकाष्ठा और प्रेरणा का अनुपम उदाहरण बताया।उन्होंने कहा कि प्रभुता और समस्त ऐश्वर्य के होते हुए भी जिस महापुरुष के मन में राज्य के वैभव में कोई आसक्ति न हो और अनासक्त भाव से जीवन जिया । ऐसा जीवन संपूर्ण मानव जाति के लिए अनुसरण करने योग्य है। उन्होंने कहा कि एक भाई के प्रति भाई का जीवन कैसा होना चाहिए इसे भरत के चरित्र से सीखना चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम के चरणों में उनका अनन्य प्रेम और भक्ति भाव इतना प्रबल था कि सिंहासन पर चरण पादुका रखकर एक आदर्श और विरक्त राजा का जीवन जिया।उन्होंने समस्त धन- वैभव को ठोकर मार दिया।भगवान राम के लिए उन्होंने सब कुछ त्याग दिया।

उन्होंने कहा कि आज स्वार्थ और बदले की भावना से एक भाई दूसरे भाई के खून का प्यास बन गया है।धन और संपत्ति के लालच के वशीभूत होकर भाई ही भाई का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है। समाज में एक बहुत बड़ी विकृति की स्थिति उत्पन्न हो गई है।भाई ही अपने भाई का गला रेतने के लिए तैयार है।ऐसी स्थिति में पूरी दुनिया और समाज की रक्षा के लिए भरत के जीवन चरित्र को आत्मसात करने के अलावा दुनिया में कोई दूसरा विकल्प नहीं है।रामलीला को सकुशल संपन्न और सफल बनाने के लिए पात्रों,आयोजकों और सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर राम गोविंद दुबे, विनय मिश्र,ग्राम प्रधान हरिश्चंद्र बिंद, दिनेश प्रताप सिंह, गिरिजेश प्रताप सिंह, गंगा प्रसाद बिंद, रामकृष्ण दुबे, प्रेमनाथ दुबे, रमेश दुबे, विकास तिवारी, शिव प्रसाद यादव, राम कलेश विश्वकर्मा ,ध्रुव तिवारी,अमरेश यादव, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, सत्यनारायण पांडेय,शैलेन्द्र त्रिपाठी, जगदंबा प्रसाद पांडेय, महेश तिवारी ,अवधेश दुबे, अशोक सोनीआदि उपस्थित रहे।

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