रामलीला में जिनके रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन्ह तैसी वाली भावना हुई चरितार्थ
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रामलीला में जिनके रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन्ह तैसी वाली भावना हुई चरितार्थ
शाहगंज।सुइथाकला विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत अमारी गांव में ग्रामीण रामलीला समिति के सौजन्य से रामलीला का आयोजन किया।रामलीला में धनुष यज्ञ का बहुत सुंदर मंचन कलाकारों द्वारा किया गया।स्वयंवर में जैसे ही सीता जी ने भगवान श्री रामचंद्र जी के गले में वरमाला पहनाया तो जय श्री राम के नारे से पूरा पंडाल गूंज उठा। श्री राम और जानकी के विवाह के समय उपस्थित श्रोताओं और दर्शकों को उस अद्भुत अलौकिक और दिव्य क्षण की अनुभूति होने लगी जिस परमानंद की अनुभूति त्रेता युग में स्वयंवर में उपस्थित लोगों को हुई थी।लोगों के सामने भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह का उस समय का अद्भुत परिदृश्य सामने आ गया। आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति करके लोग भाव -विभोर हो गए। भगवान राम और सीता जी के मिलन को दर्शक ब्रह्म और माया के योग के रूप में देखने लगे और ईश्वरीय आनंद को अनुभव करने लगे।यह भाव भी लोगों के मन- मस्तिष्क में छा गया कि भगवान श्री राम को जो जिस रूप में देखना चाहता है और जैसी भावना होती है उसे उसी रूप में दिखाई देते हैं।ऐसे मनुष्य बहुत कम है या विरले ही होते हैं जो उन्हें ईश्वर के रूप में देखते हैं। परमात्मा के अवतार या साकार रूप को भगवान के रूप में देखने वालों को ही उनके दर्शन का वास्तविक सुख मिल मिलता है। रामलीला में मीना बाजार का भी मंचन किया गया। मौके पर समिति के संस्थापक चंद्रमणि पांडेय,अध्यक्ष रवि पांडेय, प्रबंधक दुर्गेश पांडेय, कोषाध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव, डायरेक्टर पूर्णेन्द्र श्रीवास्तव, रूप सज्जा मंत्री अतुल कुमार पांडेय, आदि लोगों ने रामलीला के शानदार और सफल मंचन में सहयोग किया।क्षेत्र वासियों और गणमान्य नागरिकों का भी सहयोग रहा।