शरीयत को समझने के लिए ज़रूरी है कि मिल्लत उल्मा से राब्ता रखे।

मौलाना आग़ा आबिद मेहदी खां नजफी
जौनपुर
मस्जिद रौज़ा मख़्दूम शाह अढहन चहारसू जौनपुर में शेख़ नियाज़ हैदर साबिक़ मुतवल्ली इमामबाड़ा कल्लू मरहूम एवं साबिक़ सदर अन्जुमन क़ासिमया चहारसू दारा आयोजित सनीचर की मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना आग़ा आबिद खां नजफी ने कहा कि मिल्लत को शरीयत की जानकारी के लिए आलियों से राब्ता रखना चाहिए शिया समाज को मंलगियत से होशियार रहने की ज़रूरत है यह वायरस शिय्यत को नुक़सान पहुंचा रहा है है। अख़बारी नज़रिया आज के दौर में अपना वजूद लगभग खो चुका है, शिया समाज को उसूली नज़रिया को मज़बूत करना चाहिए मराज ए केराम (विश्व धर्म गुरुओं )के फतवों पर अमल करना चाहिए । मिल्लत तभी तरक्की करेगी जब मिल्लत में एकता होगी उन्होंने अलमदारे हुसैनी हज़रत अब्बास (अ.स) की ज़िन्दगी के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाली और उनकी शहादत का ज़िक्र करते हुए उनके मसायब पढ़ें मजलिस में सैय्यद शाक़िर वास्ती ने सोज़खानी की , अऩजुमन जाफरिया ताड तला ने नौहाख़ानी की। मजलिस में शौकत हुसैन, अज़हर अब्बास, ,वसीम हैदर नईम हैदर अब्बास हैदर शेख़ अली मंज़र डेज़ी, सैय्यद असलम नक़्वी, सैय्यद जाफर ज़ुलक़दर (फ्लावर) , मोहम्मद नासिर रज़ा गुड्डू , आदिल अब्बास, फिरोज़ हैदर इत्यादि मौजूद थे।
