September 19, 2024

हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुद्दे पर सरकार सदन में जवाब देने से भाग रही है,

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मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक हैं, लगभग 90 दिनों के बाद भी स्थिति को नियंत्रित करने में राज्य व केंद्र सरकार पूरी तरह विफल है,
सदन के दोनों सदनों में सवाल पूछने वाले सदस्यों को निलंबित किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है,
उक्त बातें उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सत्यवीर सिंह ने मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहीं, उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जलते हुए मणिपुर से देश के प्रधानमंत्री का कोई सरोकार नहीं है, मणिपुर जल रहा था लोग हताहत हो रहे थे ऐसे मुश्किल समय में देश के प्रधानमंत्री को राज्य के लोगों से शांति की अपील करनी चाहिए थी,परंतु ऐसा न करते हुए नरेंद्र मोदी जी विदेश दौरे पर चले गए, ऐसे मुश्किल समय में नफ़रत और हिंसा ग्रस्त इलाकों में दिलों को जोड़ने और मोहब्बत को बांटने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी मणिपुर पहुंचे जहां उन्होंने लोगों को गले लगाया और लोगों के दुःख दर्द को समझा, उन्होंने कहा कि देश में किसी भी कठिन समय में जब प्रधानमंत्री को सामने आकर लोगों का दुःख दर्द सुनना चाहिए तब वे विदेश दौरे पर निकल जाते हैं।
सत्यवीर सिंह ने आगे कहा कि देश में महंगाई से लोगों की कमर टूट रही है,सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, बहन बेटियों पर लगातार अत्याचार बढ़ रहा है, मणिपुर में दो बेटियों को नंगा करके किस तरह से घुमाया गया जिससे देश का पूरे विश्व में सर शर्म से झुक गया परंतु प्रधानमंत्री को इतने गम्भीर मामले पर तनिक भी चिंता नहीं है, शोषलमीडिया पर बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर सिर्फ पच्चीस सेंकेड बात की जो देश की बहन बेटियों के प्रति प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
सत्यवीर सिंह ने कहा चोरी, छिनैती, लूट, हत्या, डकैती, उत्तर प्रदेश में आम हो चुकी है जिसपर अंकुश लगाने में डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल है, उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश व देश की जनता भाजपा की कथनी और करनी को समझ चुकी है आने वाले समय में भाजपा को इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई में हुए इंडिया नामक महागठबंधन से भाजपा पूरी तरह हताश है, भाजपा के चुने हुए सांसद लोकतंत्र सबसे बड़े मंदिर के सामने खड़े होकर अमर्यादित बयानबाजी कर रहे जो बेहद शर्मनाक है।
श्री सिंह ने कहा भाजपा के चुने हुए सांसद विपक्ष के नेताओं के विरोध में इतने अंधे हो गए हैं कि वे शब्दों की मर्यादा को भी भूल चुके हैं।

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