September 19, 2024

बुखार के साथ शरीर पर दाने निकलें तो स्वास्थ्य विभाग को दें सूचना

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-दिसम्बर 2023 तक मिजिल्स-रुबेला बीमारी खत्म करने के लिए हुई कार्यशाला
-आईएमए और आईएपी की साझेदारी में चलेगा एमआर का सर्विलांस कार्यक्रम
जौनपुर,
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह की अध्यक्षता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भवन सभागार में मंगलवार को एक कार्यशाला हुई। इस कार्यशाला का उद्देश्य बेहतर सर्विलांस के साथ मिजिल्स रुबेला (एमआर) बीमारी को जनपद से समाप्त करना है। आयोजन के दौरान बताया गया कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को बुखार के साथ शरीर पर दाने निकल आएं तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को तुरंत दें। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से इसी वर्ष दिसंबर तक मिजिल्स-रुबेला बीमारी को समाप्त करना लक्षित है।
कार्यशाला में बताया गया कि जनपद में इस वर्ष अभी तक बुखार के साथ शरीर पर दाने वाले 452 मरीज चिह्नित किए गए जिनमें से 68 मरीज एमआर धनात्मक पाए गए। जहां पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाकर निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए बीमारी को आगे बढ़ने से रोका गया है। कार्यशाला में आईएमए अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार मिश्रा, इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक (आईएपी) अध्यक्ष डॉ एके यादव के साथ ही जिले के सभी बालरोग विशेषज्ञ तथा निजी चिकित्सकों ने भाग लिया। मिजिल्स-रुबेला बीमारी खत्म करने के लिए बच्चों में एमआर का शत-प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण कराना जरूरी बताया गया है। कहां गया कि एमआर के सर्विलांस में आईएमए और आईएपी की साझेदारी से कार्यक्रम को मजबूती मिलेगी। वक्ताओं ने एमआर का सर्विलांस कार्यक्रम अत्यंत मजबूती से करने की आवश्यकता जताई। इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार सर्विलांस का कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला का संचालन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रशासनिक अधिकारी डॉ संदीप सिन्हा ने किया। कार्यशाला में डब्ल्यूएचओ के डॉ कर्नल देवाशीष, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ नरेन्द्र सिंह, डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल आफिसर (एसएमओ) डा अभिजीत जोशे ने प्रस्तुति दी। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम यूएनडीपी के वैक्सीन कोल्ड चेन मैनेजर वीसीसीएम शेख अबजाद, संयुक्त राष्ट्र बाल आपातकोष (यूनीसेफ) की जिला मोबलाइजेशन समन्वयक (डीएमसी) गुरदीप कौर, डब्ल्यूएचओ के ब्लाक मानीटर सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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