अरमानों पर फिरा पानी , दुल्हन बिना लौटी बारात

मीरगंज। शादी विवाह संबंधों में विश्वास का प्रतिफल कभी कभी ऐसा होता है कि सिर्फ दूल्हा पक्ष को ही शर्मसार नहीं होना पड़ता बल्कि दुल्हन के स्वजन को भी जलालत झेलनी पड़ती है। और लाखों का खर्च बेकार चला जाता है। कुछ ऐसा ही मामला मीरगंज थाना क्षेत्र के रामपुरचौथार गांव में देखने को मिला। जहां अंधविश्वास के चक्कर मे दूल्हे राजा के अरमानों पर पानी फिर गया और बिना दुल्हन के ही बारात वापस लेकर जाना पड़ा।
रामपुरचौथार गांव निवासी स्व. महेंद्र प्रसाद की पुत्री कुमारी पूजा की शादी रामअकबाल के पुत्र राजू रांव निवासी जमुहार ,मछलीशहर जिला जौनपुर के साथ तय हुआ था। तय समय पर शुक्रवार के दिन शाम करीब सात बजे पूरी रस्म रिवाज के साथ दरवाजे पर बरात पहुची। जल जलपान लड़की के पक्ष द्वारा कराया गया। इसके बाद द्वारचार की रस्म से दरवाजे की रौनक को सजाया गया और द्वारचार भी संपन्न हुआ। इसके बाद बारातियो को खाना भी खिलाया गया। बाद में जयमाल रस्म के बाद बराती जनवास में चले गए। और आर्केस्ट्रा मनोरंजन के लिए शुरू हुआ। इसी दौरान किसी बात को लेकर तू तू मैं मैं भी हुआ। किन्तु बड़ो के हस्तक्षेप के बाद मामला ठंढा हुआ। वही जब दूल्हे पक्ष के लोग शादी मंडप में पहुचे और दुल्हन के लिए साड़ी चुनरी व आभूषण घर मे भेजा तभी चुनरी में लगे सिंदूर को देख कन्या पक्ष के लोग भड़क गए। और अंधविश्वास का हवाला देते हुए शादी से इनकार कर दिया।जिसके बाद घराती व बराती में हडकम्प मच गया। काफी मान मनौवल के बाद भी मामला नही सुलझा। बड़े बुजुर्ग मामले में हस्तक्षेप कर समझया बुझाया किन्तु लड़की पक्ष शादी करने से मना कर दिया । मामला जान रात में ही बराती धीरे धीरे खिसक लिए। सुबह होते ही दूल्हे पक्ष क स्वजन लिखा पढ़ी कर वापस चले गए। जिससे सारे अरमान पर पानी फिर गया और दूल्हे राजा को बिन दुल्हन के वापस अपने घर को जाना पड़ा। घटना को जान आस पास के क्षेत्रो में तरह तरह की चर्चाये व्याप्त है।