शादी को सिर्फ शादी सौदेबाजी न बनाया जाए, चिन्मयानंद बापू
कृष्णा और सुदामा के मिलन की कथा सुनते ही रो पड़े हजारों श्रद्धालु
165 देशों में चिन्मयानंद जी महाराज की कथा का प्रसारण हुआ।
जौनपुर।
जिले के सुईथाकला विकास खंड के अरसिया धाम में श्रीमद् भागवत कथा सोमवार को बारिश के बीच हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई थी।
भगवान श्री कृष्ण और सुदामा के प्रेम और मिलन को उन्होंने बयां किया तो उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू आ गये।
कहा कि भारत के युवाओं को उनकी परंपरा का ज्ञान नहीं है खुद पढ़ कर देखना चाहिए कि परंपराओं में क्या है। वैदिक मंत्रों के रहस्यों को भलीभांति समझना आज की बड़ी जरूरत।
हमारे देश के ऋषियों मुनियों ने तमाम ग्रंथ लिखे हैं। दिखावा नहीं बल्कि हर विधियों को बेहद श्रद्धा और भाव के साथ निर्वहन करना चाहिए ।
समाज में आ रही तमाम विकृतियां दूर करनी है तो इसके लिए हमें आगे आना होगा।
कहा कि सत्य कभी बदल नहीं सकता। सत्य वही है जो त्रेता युग में था, आज कलयुग में भी है। व्यक्ति की भाषा का नाम बदल जाने से सत्य नहीं बदलता।
अपने बुजुर्गों ब्राम्हण द्वारा बताए गये परंपरा विधि-विधान की अवहेलना नहीं होना।
विवाह के समय वर विष्णु रूप और कन्या लक्ष्मी रूप में होती है। इसीलिए लक्ष्मीनारायण के रूप में उनकी पूजा होती है।
चिन्मयानंद महाराज ने कथा में हजारों श्रद्धालुओं से आह्वान किया दहेज नहीं मांगना चाहियें। आज हालात इतने बदलते जा रहे हैं कि दहेज के लोभी असुरों ने शादी जैसे पवित्र रिश्ते का सौदा शुरू कर दिया है।
मनुष्य के समाज में दहेज की सौदेबाजी होती है जिस पद पर है उसके बाद और कार्य के साथ सौदेबाजी हो रही है।
अच्छे समाज के उत्तरदायित्व की जिम्मेदारी हमारे आपके कंधे पर है आने वाली पीढ़ी अभी से सीखेगी। शादी को सिर्फ शादी, सौदा न बनाया जाय। युवाओं को जागरूक किया कि प्यार को शब्दों में न तौलों। सबसे बड़ा दहेज आज खुद बेटी होती है।
चिन्मयानंद बापू महाराज ने कहा कि विधायक रमेश चंद्र ने भागवत कथा कराने का जो संकल्प लिया अकेले जौनपुर ही नहीं प्रदेश और पूरे विश्व में आप में एक मिसाल बन गई है।
165 देशों में इस कथा को लोगों ने देखा।
भगवान के मंदिर में जाकर प्रभु का जब दर्शन होता है तो कितना सुकून और मन को शांति मिलती है। जो लोग कथा से भागते हैं वह कभी सुखी नहीं रहते।
तुम चले जाओगे तो सोचेंगे, हमने क्या खोया, क्या पाया पर मधुर संगीत के बीच भक्तों ने खूब तालियां बजाई।
समय रहते जो व्यक्ति समय को पहचान जाना वह निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहता है, वरना बाद में पछताने से कुछ नहीं हासिल होता।
एक क्षण भी अगर भागवत कथा का मिल जाए तो वह बहुत किस्मत वाला है समझना कि भगवान ने अपने चरणों में बैठने का स्थान दिया बीच-बीच में भगवान ने भक्तों की तमाम परीक्षाएं ली आंधी तूफान बारिश लेकिन भक्तों पर कभी डिगा नहीं।
भागवत की भावना इस यजमान परिवार के मन में आई यही अपने आप में बहुत ही सराहनीय है।
जन सेवा की भावना विधायक रमेश चंद्र मिश्र की मन में जिस प्रकार बनी है वह वाकई में साधु के पात्र हैं जब वह अपने कर्म क्षेत्र पैतृक आवास पर सेवा भाव के साथ काम करते हैं।
इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, भाजपा विधायक जयसिंहपुर राज बाबू उपाध्याय, विधायक लंभुआ सीताराम वर्मा,
विधायक कादीपुर राजेश गौतम,
अखिल शुक्ल लखनऊ, आरएसएस के
वरिष्ठ प्रचारक अशोक उपाध्याय, दया शंकर दास त्यागी, संत प्रकाश दास जी महाराज,
उद्योगपति ज्ञान प्रकाश सिंह, पत्रकार डॉ मधुकर तिवारी, प्रदीप तिवारी मुंबई, भाजपा नेता अरुण जायसवाल, पीडी जौनपुर जयकेश त्रिपाठी, अंकित सिंह, डॉ चंद्रजीत मौर्य समेत हजारों लोग उपस्थित रहे।
अंतिम दिन की कथा के मुख्य यजमान विधायक रमेश चंद्र मिश्र व उनके पिता दुर्गा प्रसाद मिश्र, उनके चाचा राम उदित मिश्र,
उपस्थित रहे।
संचालन मयंक ने किया।