September 21, 2024

बताया, कैसे परखेंगे पांच पैरामीटर पर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत प्रशिक्षण

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बताया, कैसे परखेंगे पांच पैरामीटर पर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत

प्रशिक्षण

  • जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण में सभी ब्लाकों से 72 कर्मचारियों ने लिया भाग
  • टीबी मरीजों की देखरेख के लिए फैमिली केयर गिवर का चयन करने का तरीका बताया गया

जौनपुर,
ग्राम पंचायत, नगर तथा निकायों को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए पांच पैरामीटर बनाए गए हैं। इन पर सत्यापन के बाद ही उन्हें टीबी मुक्त ग्राम पंचायत/नगर वार्ड घोषित किया जाएगा। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में जिला क्षय नियंत्रण केंद्र की ओर से नौ और 10 अक्टूबर को यह प्रशिक्षण दिया गया। जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर के इस प्रशिक्षण में सभी ब्लॉकों से 72 कर्मचारियों ने दो बैचों में भाग लिया। उन्हें टीबी मुक्त ग्राम पंचायत, नगरीय वार्ड और टीबी फैमिली केअर गिवर के बारे में जानकारी दी गई।
बताया गया कि टीबी मुक्त घोषित करने के लिए ग्राम पंचायतों/नगर वार्डों में एक हजार की जनसंख्या पर प्रतिवर्ष 30 जांच होनी आवश्यक है। एक हजार की जनसंख्या पर टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन एक मरीज या शून्य मरीज होना चाहिए। सभी टीबी मरीजों में से 60 प्रतिशत की यूडीएसटी जांच होनी चाहिए। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार पर चल टीबी रोगियों को प्रतिमाह 500 रुपये की धनराशि का शत-प्रतिशत भुगतान होना चाहिए। सभी टीबी रोगियों को गोद दिलाया जाना चाहिए। साथ ही गोद लिए गए टीबी रोगियों को शत-प्रतिशत अतिरिक्त पोषण सामग्री दी जानी चाहिए।
यह प्रशिक्षण राज्य स्तर से आए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार डॉ सौरभ श्रीवास्तव तथा जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी ) सलिल कुमार यादव ने दिया। उन्हें टीबी रोग, संक्रमण, लक्षण, जांच, उपचार, सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाएं, टीबी मरीजों को प्रतिमाह दी जाने वाली पोषण सामग्री के बारे में बताया। उन्हें स्वास्थ्य विभाग तथा पंचायती राज विभाग के सम्मिलित कार्यों और जिम्मेदारी के बारे में बताया गया।
बताया गया कि टीबी फैमिली केयर गिवर कार्यक्रम के तहत उपचार पर चल रहे टीबी मरीजों की सहमति से उनके परिवार के एक सदस्य को देखरेख करने के लिए फैमिली केअर गिवर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। फैमिली केअर गिवर उन्हीं को बनाया जाएगा जिनकी उम्र 14 वर्ष से अधिक हो। पढ़ना-लिखना जानते हों। उन्हें टीबी मरीज को समय से दवा लेने, दवा का प्रतिकूल असर होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी को जानकारी देने, समय से फॉलोअप जांच कराने, डीबीटी का लाभ दिलाने की जिम्मेदारी निभानी होगी। इससे मरीजों का उपचार पूरा करने में मदद मिलेगी तथा टीबी रोगियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। यह प्रशिक्षण मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राकेश कुमार सिंह तथा जिला पंचायती राज अधिकारी के निर्देशन में चला। सभी ब्लॉकों से दो स्वास्थ्यकर्मी तथा एक पंचायती राज विभाग के स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। यह लोग ही ब्लॉक स्तर पर अपने क्षेत्र के प्रधानों, हेल्थ वैलनेस केंद्रों के सीएचओ के साथ ही टीबी मरीजों के परिवार के एक सदस्य को प्रशिक्षण देंगे।
टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कुल पांच बिंदुओं के मानक बनाए गए हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधान की अगुआई में जिला पंचायती विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इसे पूरा किया जाएगा।
इसके तहत ही 25 सितंबर को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी बीडीओ, एमओआईसी तथा नगरीय अधिशासी अधिकारियों के साथ हुई अंतर्विभागीय बैठक में भी निर्देश दिए गए थे।
टीबी उन्मूलन गतिविधियों को पंचायत के विकास योजनाओं में शामिल करते हुए समस्त ग्राम प्रधानों एवं नगरीय वार्ड सभासदों को इस दिशा मे प्रशिक्षित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

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